Air India की एक उड़ान में एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने बुधवार को मामले में जमानत का अनुरोध करते हुए दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उक्त कृत्य न तो यौन इच्छा से प्रेरित था, न ही इसका उद्देश्य शिकायतकर्ता का शील भंग करना था।
शिकायतकर्ता के वकील ने मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्हें (शिकायतकर्ता महिला को) धमकी दी जा रही है। वकील ने कहा, ‘मुझे (मुवक्किल को) नियमित रूप धमकी भरे संदेश मिल रहे हैं। आरोपी के पिता ने मुझे एक संदेश भेजा और कहा ‘तुम्हें कर्म भोगना पड़ेगा’ और फिर संदेश डिलीट कर दिया। वे मुझे संदेश भेज रहे हैं और डिलीट कर रहे हैं। यह बंद होना चाहिए… एअर इंडिया ने आरोपी और शिकायतकर्ता को अलग करने के बजाय, अपराध में मध्यस्थता करने की कोशिश की।’
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने मिश्रा की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। आरोपी के वकील ने ज़मानत की अपील करते हुए कहा, ‘किसी को भी इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। मुझे महिला के लिए खराब लग रहा है। …हालांकि, क्या उक्त कृत्य के पीछे का उद्देश्य यौन इच्छा था? नहीं। क्या इस कृत्य का उद्देश्य उसका शील भंग करना था? नहीं।’
उन्होंने कहा कि घटना के पीछे ‘वासना’ कारण नहीं था। मैं इस तरह का व्यक्ति नहीं हूं। साथ ही उस समय शिकायतकर्ता की शिकायत में भी ऐसा दावा नहीं किया गया है।’ मिश्रा के वकील का इशारा पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आने वाली उड़ान में हुई इस घटना के बाद उन्हें (शिकायतकर्ता महिला) हुई दिक्कत की ओर था।
उन्होंने कहा, ‘वह पहले से ही दिक्कत का सामना कर रहा है। उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। उसके भागने का खतरा नहीं है… ऐसा कोई आरोप नहीं है कि मुझसे (आरोपी से) किसी तरह का खतरा है, जैसे मैं चाकू लेकर इधर-उधर भाग रहा हूं।’ दिल्ली पुलिस ने ज़मानत अर्ज़ी का विरोध करते हुए कहा कि इसकी पूरी आशंका है कि ज़मानत पर रिहा किये जाने पर वह शिकायतकर्ता को प्रभावित करेगा, क्योंकि वह एक प्रभावशाली और समृद्ध पृष्ठभूमि से है।’
पुलिस ने अदालत को बताया, ‘(आरोपी की) मां और बहन ने शिकायतकर्ता से संपर्क करने की कोशिश की।’ पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि उसने आरोपी को उसकी हिरासत में दिये जाने से इनकार के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की है। उसने कहा, ‘कई गवाहों से पूछताछ की जानी है, जिनमें विमान के कैप्टन और चालक दल के सदस्य शामिल हैं।’
एक सत्र अदालत दिन में बाद में मामले में सुनवाई कर सकती है। इस बीच, शिकायतकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसका अपमान किया है, ‘और यह कहा कि मैं पीड़िता नहीं हूं। मैंने प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। उसके प्रभाव के चलते प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।’
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उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता बेंगलूरु में नहीं रह पा रही है। शिकायतकर्ता के वकील ने आरोप लगाया, ‘वे मुझे धमकी दे रहे हैं। न केवल संदेश भेजकर, बल्कि मेरे घर आकर।’ हालांकि, आरोपी के वकील ने शिकायतकर्ता के वकील द्वारा किये गए इस दावे का विरोध किया कि शिकायतकर्ता को धमकी दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘उनके (शिकायकर्ता महिला के) दामाद जो कि न्यूयॉर्क में एक प्रोफेसर हैं, ने मुझे एक मेल किया था, जिसमें कहा गया था कि मुझे हवाई जहाज का पूरा किराया देना है। मैंने ड्राई क्लीनिंग के लिए भुगतान किया। हालांकि दामाद के मेल के बाद, धनराशि (जिसका भुगतान आरोपी ने मुआवजे के रूप में किया था) वापस कर दी गई।’ अदालत ने दलीलें सुनने के बाद जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। एक अन्य मजिस्ट्रेट अदालत ने मिश्रा को पुलिस की हिरासत में भेजने से इनकार करते हुए शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।