facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

अदाणी मामले में अमेरिका ने नहीं किया अनुरोध: विदेश मंत्रालय

अमेरिका के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने कहा: गौतम अदाणी से जुड़े मामले में भारत को जानकारी नहीं, यह निजी कानूनी मामला

Last Updated- November 29, 2024 | 10:13 PM IST
MEA

विदेश मंत्रालय ने अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी तथा समूह के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अमेरिकी अभियोजन को ‘निजी पक्ष और अमेरिकी न्याय विभाग के बीच का कानूनी’ मामला बताते हुए कहा है कि अमेरिका ने अब तक इस विषय पर भारत से कोई बात नहीं की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि अब तक इस मामले में सरकार किसी भी तरह से कानूनी रूप से नहीं जुड़ी है। उन्होंने मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘हम इसे एक कानूनी मामले के रूप में देखते हैं जिसमें निजी पक्ष और लोग तथा अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं।

जाहिर है ऐसे मामलों के लिए स्थापित प्रक्रियाएं और विधि व्यवस्थाएं हैं, मेरा मानना है कि इनका पालन किया जाएगा। भारत सरकार को इस मामले के बारे में पहले से नहीं बताया गया। इस खास विषय को लेकर अमेरिका सरकार के साथ हमारी कोई बातचीत भी नहीं हुई है।’

जायसवाल ने यह भी कहा कि इस मामले में भारत और अमेरिका के बीच कानूनी सहयोग का मुद्दा फिलहाल नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘किसी विदेशी सरकार द्वारा समन देने या गिरफ्तारी वारंट जारी करने जैसे अनुरोध साझा विधिक सहयोग का हिस्सा होते हैं। परंतु ऐसे अनुरोधों को योग्यता का आधार पर परखा जाता है। हमें अब तक इस मामले में अमेरिका की ओर से कोई अनुरोध नहीं मिला है।’

गत सप्ताह अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अधिकारियों ने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (एफसीपीए) के अंतर्गत रिश्वत और धोखाधड़ी के कई आरोप लगाए गए। इन आरोपों में से एक के तहत अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और छह अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने करीब दो अरब डॉलर मूल्य के सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत दी है।

अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने भी यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर द ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क में एक शिकायत दर्ज कर दावा किया है कि इस दौरान समूह ने अमेरिकी निवेशकों से 17.5 करोड़ डॉलर की राशि जुटाई। हालांकि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को स्पष्ट किया कि गौतम अदाणी, सागर अदाणी और वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘गलत’ हैं। बहरहाल, कंपनी ने यह स्वीकार किया है कि अधिकारियों पर तीन अन्य आरोप भी हैं। इनमें सिक्यूरिटी और वायर फ्रॉड जैसी वित्तीय धोखाधड़ी के इल्जाम शामिल हैं।

समूह नहीं, बल्कि व्यक्ति करेंगे कानूनी प्रतिनिधित्व: सीएफओ

गौतम अदाणी समूह उस वक्त तक किसी भी डॉलर बॉन्ड को रोककर रखेगा, जब तक कि समूह के निदेशक अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग के आदेश पर कानूनी बयान नहीं दे देते। समूह के वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।

इसके अलावा अमेरिका के डीओजे के आदेश के संबंध में अदाणी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने शुक्रवार को मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समूह की किसी भी कंपनी को अमेरिका के डीओजे के आरोपों में पक्षकार नहीं बनाया गया है, इसलिए समूह की कंपनियां कोई कानूनी प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती। अलबत्ता उन्होंने कहा कि कुछ मौलिक तथ्यात्मक विसंगतियां हैं, जिन्हें समूह अगले 10 दिनों में कानूनी मंजूरी मिलने के बाद उजागर करेगा।

First Published - November 29, 2024 | 10:13 PM IST

संबंधित पोस्ट