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Bike Taxi: इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने के लिए बाइक टैक्सी ऑपरेटर मांग रहे और समय

बाइक टैक्सी की सेवा देने वाले चालकों की संख्या 5 लाख, पंजीकृत चालकों की संख्या इसका दोगुना

Last Updated- February 23, 2023 | 9:39 PM IST
Bike Taxi

राष्ट्रीय राजधानी में बाइक टैक्सी परिचालक (ऑपरेटर) दिल्ली सरकार के साथ सुलह करने की कोशिश में जुट गए हैं और कोई बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं। बाइक टैक्सी परिचालकों ने अपने दोपहिया वाहनों (two-wheelers) को इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) में तब्दील करने के लिए 2025-26 तक का समय मांगा है।

उन्होंने दिल्ली सरकार से आग्रह किया है कि इस अंतरिम अवधि में उन्हें मौजूदा स्वरूप में परिचालन जारी रखने की अनुमति दी जाए। हालांकि इन परिचालकों ने अपने वाहन को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने के लिए समय सीमा को लेकर समान नियम-कायदे तय किए जाने की मांग की है।

इन परिचालकों का कहना है कि राइड-हेलिंग के तौर पर अपने वाहनों का इस्तेमाल करने वाले व्हाइट लेबल बाइक चालकों और ई-कॉमर्स उत्पादों पहुंचाने वाले चालकों के लिए समान नियम होने चाहिए। समाधान खोजने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बातचीत चल रही है।

एक बाइक टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, दिल्ली में टैक्सी बाइक सेवा प्रदाताओं के लिए आए मसौदा दिशानिर्देश से नियम-कायदों को लेकर असमानता बढ़ गई है।

अगर इन दिशानिर्देशों का मतलब दिल्ली में प्रदूषण कम करना और सड़कों पर भीड़ नियंत्रित करना है तो उस दृष्टिकोण से ये उचित नहीं हैं। ये दिशानिर्देश कड़े हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि केवल राइड-हेलिंग सेवा प्रदाताओं को ही ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।

दिल्ली सरकार के नवीनतम मसौदा नियमों के अनुसार दोपहिया बाइक-हेलिंग सेवाएं देने वाली इकाइयों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि योजना शुरू होने की तिथि से उन्हें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का ही परिचालन करना होगा। दिशानिर्देश के अनुसार सेवा प्रदाताओं को अधिसूचना के दूसरे वर्ष के अंत तक अपने बेड़े के सभी दोपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करना होगा।

हालांकि ई-कॉमर्स सेवाएं देने वाले सभी दोपहिया वाहनों को 1 अप्रैल 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने का समय दिया गया है। इन इकाइयों के मामले में और नए दोपहिया वाहन बेड़े में शामिल किए जाने के मामलों में नियमों में थोड़ी ढील दी गई है।

ऐसी इकाइयों को 9 महीने के अंदर अपने बेड़े के केवल 25 प्रतिशत वाहनों को ही इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करना होगा और 50 प्रतिशत वाहन एक वर्ष में और सभी वाहन 3 वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की अनुमति दी जाएगी।

यह भी पढ़ें : Delhi Bike Taxi Ban: Ola, Uber बाइक चालकों को बैन का पता ही नहीं

राइड-हेलिंग सेवा प्रदाताओं का कहना है कि अगर ऐसी सेवाएं देने वाले चालकों को वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने के लिए बाध्य किया जाएगा तो वे ई-कॉमर्स और फूड डिलिवरी कंपनियों के लिए काम करना शुरू कर देंगे। इन इकाइयों का कहना है कि इससे उनका कारोबार चौपट हो जाएगा।

दिल्ली सरकार का कहना है कि निजी पंजीयन संख्या वाले वाहन अगर किराया लेकर लोगों को सेवा देने में इस्तेमाल होते हैं तो इसे एक व्यावायिक परिचालन माना जाएगा। राज्य सरकार के अनुसार यह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन होगा। राज्य सरकार के इस रुख से रैपिडो, उबर, ओला सहित अन्य़ राइड-हेलिंग कंपनियों के कारोबार पर असर हुआ है।

First Published - February 23, 2023 | 7:55 PM IST

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