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BlueSmart यूजर्स की चिताएं बढ़ीं, वॉलेट में पैसा फंसा; अब रिफंड के लिए 90 दिनों का करना होगा इंतजार

90 दिनों की रिफंड टाइम और नॉन रिफंडेबल वॉलेट पॉलिसी ने ब्लूस्मार्ट यूजर्स के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि कंपनी का वॉलेट एक बंद लूप सिस्टम के तहत काम करता है।

Last Updated- April 21, 2025 | 8:05 PM IST
BlueSmart
फोटो क्रेडिट: BlueSmart

पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही इलेक्ट्रिक वाहन राइड-हेलिंग कंपनी ब्लूस्मार्ट के ग्राहकों को अपने ब्लू वॉलेट से रिफंड पाने के लिए 90 दिन या उससे ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। कंपनी के ‘टर्म टू यूज’ के अनुसार, ब्लू वॉलेट पूरी तरह से ‘नॉन रिफंडेबल’ है और इसकी ‘कोई एक्सपायरी डेट नहीं’ है।

90 दिनों की रिफंड टाइम और नॉन रिफंडेबल वॉलेट पॉलिसी ने ब्लूस्मार्ट यूजर्स के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि कंपनी का वॉलेट एक बंद लूप सिस्टम के तहत काम करता है। बंद लूप प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI), जैसे ब्लूस्मार्ट वॉलेट, यूजर्स को केवल राइड-हेलिंग सेवा से ही सेवाएं खरीदने की अनुमति देते हैं। इन वॉलेट्स से नकद निकासी की अनुमति नहीं है।

एक्सपर्ट का क्या है कहना?

इंडस्ट्री के जानकारों ने सुझाव दिया है कि अगर कंपनी रिफंड प्रक्रिया में विफल रहती है और पूरी तरह से संचालन बंद होने के संकेत मिलते हैं, तो नियामक हस्तक्षेप की जरूरत हो सकती है। एक भुगतान एग्रीगेटर के संस्थापक ने कहा, “बंद लूप वॉलेट के लिए कंपनियां या तो अपनी डेवलपर टीम पर निर्भर करती हैं या थर्ड पार्टी की तकनीकी सेवा देने वाले की मदद लेती हैं। ब्लूस्मार्ट के मामले में, ऐसा लगता है कि कंपनी ने अपना वॉलेट खुद ऑपरेट किया होगा।” उन्होंने आगे कहा कि अगर रिफंड नहीं मिलता, तो ग्राहक कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुन सकते हैं या नियामक को हस्तक्षेप करना चाहिए।

हालांकि, अभी नियामक हस्तक्षेप की संभावना कम है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बंद लूप वॉलेट्स को नियंत्रित नहीं करता। ऐसे वॉलेट्स को संचालन भुगतान प्रणाली के रूप में वर्गीकृत नहीं होता, जिसके लिए बैंकिंग नियामक की मंजूरी जरूरी हो। इसलिए, इन वॉलेट्स की निगरानी आरबीआई नहीं करता।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि अगर कंपनी को अपने संचालन पूरी तरह बंद होने की आशंका है, तो उसे रिफंड प्रक्रिया को तेज करना चाहिए। एक अन्य उद्योग विशेषज्ञ ने कहा, “वॉलेट को संभालने वाले एस्क्रो खाते पर कंपनी कोई ब्याज नहीं कमा सकती। अनुपालन नियमों के अनुसार, एस्क्रो या नोडल खाते में पड़ी राशि पर ब्याज की अनुमति नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में सुरक्षा चिंताएं बढ़ जाती हैं, इसलिए कंपनी को रिफंड प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।”

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ब्लूस्मार्ट के संस्थापकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी द्वारा पैसे के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था। इसके कारण पिछले हफ्ते ब्लूस्मार्ट का संचालन ठप हो गया।

First Published - April 21, 2025 | 8:00 PM IST

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