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Byju’s और लेनदार अदालत के बाहर करेंगे समझौता

Byju's और ऋणदाताओं ने कानूनी लड़ाई रोकी

Last Updated- September 01, 2023 | 10:41 PM IST
Byju's

शिक्षा तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बैजूस और उसके टर्म लोन बी के लेनदारों ने अमेरिक की अदालतों में चल रही कार्यवाही को 06 अक्टूबर तक स्थगित करने का फैसला किया है। मिंट की एक खबर के अनुसार, इस विस्तार का उद्देश्य अदालत के बाहर समाधान करने के लिए अधिक समय लेना है। मिंट की खबर के अनुसार, अदालत ने अपने 24 अगस्त के आदेश में कहा है कि दोनों पक्ष लचीले समझौते पर पहुंचने के लिए काम कर रहे हैं और चर्चा जारी है।

मामला जून का है जब बैजूस ने अमेरिकी की निवेश प्रबंधन फर्म रेडवुड के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसमें 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन बी (टीएलबी) सुविधा में तेजी लाने और ऋणदाता को उसकी हिंसक रणनीति के लिए अयोग्य घोषित करने को चुनौती दी गई थी। बैजूस ने भी ऋण पर करीब 4 करोड़ डॉलर के ब्याज का भुगतान नहीं किया। इस प्रकार वह डॉलर में लिए गए ऋण पर चूक करने वाली एकमात्र भारतीय स्टार्ट-अप बन गई।

बैजूस ने न्यूयॉर्क शीर्ष अदालत में मुकदमा दायर किया। कंपनी ने कहा कि ऋण सुविधा की शर्तों के विपरीत रेडवुड ने मुख्य रूप से संकटग्रस्त ऋण में व्यापार करते हुए ऋण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा खरीदा।

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कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह देखते हुए कि कानूनी कार्यवाही डेलावेयर और न्यूयॉर्क दोनों अदालत में लंबित थी, संपूर्ण टीएलबी विवादित है। शिक्षा तकनीक क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि बैजूस से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती और उसने टीएलबी ऋणदाताओं को किसी भी ब्याज सहित किसी भी तरह का अन्य भुगतान नहीं करने का फैसला किया है, जब तक कि अदालत में इसका फैसला नहीं हो जाता।

टीएलबी संस्थागत निवेशकों द्वारा दिया जाने वाला एक सावधि ऋण होता है। इसका मुख्य लक्ष्य उनके दीर्घकालिक रिटर्न को अधिकतम करना है। टीएलबी में उधारकर्ताओं को मूलधन का अग्रिम भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। वे ऋण अवधि के अंत में एक बड़ी राशि का भुगतान कर सकते हैं।

मिंट के सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्ष नई शर्तों पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें 3 से 5 साल की सीमित अवधि के साथ 20 करोड़ डॉलर का अग्रिम भुगतान और 12-13 फीसदी ब्याज शामिल है।

जून में 1.2 अरब डॉलर के बैजूस के सावधि ऋण का 85 फीसदी से अधिक का स्वामित्व रखने वाले तदर्थ ऋणदाताओं के एक समूह ने सामूहिक रूप से कहा कि शिक्षा तकनीक क्षेत्र की कंपनी ने न्यूयॉर्क के सर्वोच्च न्यायालय में दायर हालिया मुकदमे में योग्यता का अभाव है।

First Published - September 1, 2023 | 10:41 PM IST

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