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Zee में रकम की कथित हेराफेरी का मामला: नियामक सेबी ने पंचाट से कहा, सुभाष चंद्रा ने तथ्यों को दबाया

सेबी ने इससे पहले ट्रिब्यूनल में कहा था कि चंद्रा उन्हें जारी समन पर सहयोग नहीं कर रहे।

Last Updated- March 14, 2024 | 10:25 PM IST
Zee Entertainment

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में रकम की कथित हेराफेरी के मामले में बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) से कहा कि एस्सेल समूह के मानद चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने तथ्यों को दबाया। चंद्रा ने सैट में फरवरी के आखिर में अपील की थी और 8 मार्च को दलीलें पेश की थीं। उन्होंने इस मामले में राहत के लिए बंबई उच्च न्यायालय से भी संपर्क किया है।

उन्होंने 5 मार्च को बंबई उच्च न्यायालय में अपील की है और मौजूदा जांच को अवैध करार देने की मांग की है। सेबी के वकील डेरियस खंबाटा ने सैट से ये बातें कहीं। खंबाटा ने कहा कि सहयोग करना तो दूर उन्होंने सक्रियता से जांच रोकने के लिए कदम उठाए हैं और समन का जवाब नहीं दे रहे।

सेबी ने इससे पहले ट्रिब्यूनल में कहा था कि चंद्रा उन्हें जारी समन पर सहयोग नहीं कर रहे। बाजार नियामक चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका की तरफ से रकम की कथित हेराफेरी की जांच कर रहा है। गोयनका ज़ी के एमडी और सीईओ भी हैं। सेबी ने अगस्त 2023 में इस मामले में पुष्टि वाला आदेश जारी कर दोनों को समूह की चारों फर्मों में कोई अहम पद लेने से रोक दिया था। ट्रिब्यूनल ने गोयनका को हालांकि राहत दी थी।

पहले की सुनवाई में चंद्रा के वकील ने कहा था कि किसी फर्म में वह अहम पद पर नहीं हैं और अगर उनके खिलाफ सेबी के आदेश पर स्थगन मिल जाए तो ऐसे ही रहने के लिए तैयार हैं। उन्होंने तर्क दिया कि जल्दबाजी में आदेश देने की जरूरत नहीं थी और कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं।

चंद्रा की तरफ से बंबई उच्च न्यायालय में की गई अपील में कहा गया है कि समन पढ़ने से पता चलता है कि सेबी ने जांच के चरण में ही मान लिया है कि याची दोषी है और वह भी बिना किसी प्रक्रिया, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बिना। ऐसे में मौजूदा जांच सिर्फ दिखावा व औपचारिकता है। सैट में दलील 19 मार्च को भी जारी रहेगी।’

First Published - March 14, 2024 | 10:25 PM IST

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