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डिस्कॉम का नकदी और कर्ज का संकट बढ़ा

Last Updated- April 10, 2023 | 11:23 PM IST
electricity consumption

बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) भारी कर्ज के दबाव में बनी हुई हैं, हालांकि उनके घाटे में कमी आई है। इनमें से वित्तीय रूप से कमजोर राज्यों की डिस्कॉम नकदी के संकट और अपने राज्य के विभागों द्वारा पूंजीगत व्यय घटाए जाने के संकट से जूझ रही हैं।

पॉवर फाइनैंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) की ताजा सालाना एकीकृत रैंकिंग और रेटिंग रिपोर्ट से यह जानकारी मिलती है।

वित्त वर्ष 2021-22 में डिस्कॉम की मौजूदा देनदारियां उनकी कुल मौजूदा संपत्तियों से ऊपर हो गई हैं। यह राशि उनकी मौजूदा नकदी की तुलना में दोगुनी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर में नकदी की कुल कमी 3.03 लाख करोड़ रुपये है। इसमें कहा गया है कि डिस्कॉम की कुल संयुक्त नकदी संपत्तियां केवल उनके उत्पादन, पारेषण और परिचालन देनदारियों के लिए ही पर्याप्त हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डिस्कॉम की गैर नकदी संपत्तियों सहित उनकी कर्जदाताओं की देनदारियां भी शामिल हो सकती हैं। बहरहाल उनकी देनदारियां बहुत ज्यादा हैं, जो उनकी गैर मौजूदा संपत्तियों से धन जुटाए बगैर या बाहरी समर्थन के बगैर नहीं हो सकती है।’

कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीऐंडटी) या परिचालन हानि वित्त वर्ष 22 में सुधरकर 16.5 प्रतिशत रह गई है, जो वित्त वर्ष 21 में 21.5 प्रतिशत थी। डिस्कॉम का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 22 में मामूली कम होकर 28,700 करोड़ हो गया है, जो वित्त वर्ष 20 में 36,000 करोड़ रुपये था।

हर साल बिजली की मांग बढ़ रही है, जिसकी वजह से डिस्कॉम को अपना परिचालन सुधारने को लेकर अतिरिक्त दबाव है। इसकी वजह से इस सेक्टर के कर्ज में 24 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर का कुल कर्ज वित्त वर्ष 20-22 के दौरान बढ़कर 6.20 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

First Published - April 10, 2023 | 11:23 PM IST

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