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ई-कॉमर्स कंपनियों को करना होगा ONDC के नियमों का पालन, वरना लग सकता है जुर्माना

Last Updated- April 06, 2023 | 11:22 PM IST
Fake goods found in online shopping

सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के आर्किटेक्चर को अपनाने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए तंत्र विकसित करेगी। इन कंपनियों पर नियमों का पालन नहीं करने पर दंड भी लग सकता है।

उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के संयुक्त सचिव संजीव ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया, ‘हमारा अपनी मूल्यांकन प्रणाली होगी। यदि हमें लगता है कि कोई नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो हम कार्रवाई करेंगे। संबंधित कंपनियों को कानून का पालन करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।’

ओएनडीसी केंद्रीयकृत डिजिटल प्लेटफार्म नहीं है बल्कि यह सार्वजनिक विकेंद्रीकृत डिजिटल नेटवर्क (public decentralized digital network) है। ओएनडीसी में व्यापक स्तर पर छोटे खुदरा कारोबारियों से लेकर नवोन्मेशी स्टार्टअप (Innovative startups) व नामचीन भारतीय कारोबारियों की साझेदारी व मदद शामिल है। यह एक गैर लाभकारी कंपनी है। विक्रेताओं या रसद प्रदाताओं या पेमेंट गेटवे संचालकों को कुछ नियमों के साथ इसे स्वीकार करना वैकल्पिक है।

इसमें बीते कुछ महीनों के दौरान 26,000 से अधिक कारोबारी शामिल हुए और इस नेटवर्क पर 27 लाख से अधिक उत्पाद बेचे गए हैं। संजीव ने कहा, ‘हमारा सपना है कि ओएनडीसी के दायरे में देश के सभी पिनकोड हों। हमें आशा है कि इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। पहले हम लोगों से इस नेटवर्क में शामिल होने के लिए अनुरोध कर रहे थे लेकिन अब कंपनियां नेटवर्क में शामिल होने के लिए संपर्क कर रही हैं।’

उत्पादों की श्रेणी जैसे किराना, खाद्य व सौंदर्य प्रसाधन इस नेटवर्क पर लाइव हैं और अन्य श्रेणियां भी कतार में हैं। दो शहरों कोच्चि और बेंगलूरु में मोबिलटी सेवाओं को शामिल किया गया है लेकिन इसमें दिग्गज ओला और उबर को शामिल नहीं किया गया है।

भारत के 210 शहरों तक ओएनडीसी का दायरा फैल चुका है और इसके लाजिस्टिक्स साझेदार देश के 90 फीसदी पिन कोड में सामान की आपूर्ति कर सकते हैं।

ओएनडीसी के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) टी कोशी ने कहा कि हालिया समय में इस नेटवर्क से रोजाना करीब 600 लेन-देन हो रहे हैं जबकि पहले 30-40 लेन-देन होते थे। बड़ी कंपनियां जैसे एचयूएल, पीऐंडजी, पेटीएम, फोनपे और आईटीसी को इस नेटवर्क पर अच्छी लोकप्रियता हासिल हो रही है।

ओएनडीसी हालिया प्लेटफार्म से परे जाना जाना चाहती है। अभी क्रेता-विक्रेता को एक ही एप्लीकेशन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हमारा ध्येय है कि डिजिटल एकाधिकारों को तोड़कर कारोबार करने की लागत घटाई जाए और छोटे व पारंपरिक दुकानदारों को लाभ पहुंचाया जाए।

First Published - April 6, 2023 | 9:06 PM IST

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