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Embraer की बड़ी योजना, 200 विमानों का ऑर्डर मिलने पर भारत में खोलेंगे मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

भारत में एम्ब्रेयर की मौजूदगी पहले से है और उसके पास वाणिज्यिक, रक्षा और व्यावसायिक विमानन क्षेत्रों में 11 प्रकार के करीब 50 विमान हैं।

Last Updated- June 02, 2025 | 10:26 PM IST
Embraer

ब्राजील की विमान बनाने वाली कंपनी एम्ब्रेयर ने कहा है कि अगर उसे करीब 200 विमानों का ऑर्डर मिल जाता है तो वह भारत में कलपुर्जों की आपूर्ति बढ़ा सकती है और अंततः अपना विनिर्माण संयंत्र भी स्थापित कर सकती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ आज हुई बातचीत में कंपनी के एशिया-प्रशांत प्रमुख राउल विलरन ने यह बातें कहीं हैं।

एम्ब्रेयर कमर्शल एविएशन में एशिया-प्रशांत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का भी पद संभाल रहे विलरन ने कहा, ‘भारत में 80 से 150 वाले विमान क्षेत्र में बड़ा अवसर मौजूद है। अगर हमें करीब 200 विमानों का ऑर्डर मिल जाता है तो हमारे पास अधिक आक्रामक तरीके से स्थानीयकरण करने की मजबूत कारोबारी समझ हो जाएगी, जिसमें अंततः विनिर्माण स्थापित करना और यहां से अपने आपूर्तिकर्ता आधार को बढ़ाना शामिल है।’

कंपनी का अनुमान है कि महानगरों के इतर बड़े और मझोले शहरों में बढ़ती कनेक्टिविटी जरूरतों के कारण आवश्यकताओं के कारण भारत को अगले 20 वर्षों में इस श्रेणी में कम से कम 500 विमानों की आवश्यकता होगी। विलरन ने कहा कि टर्बोप्रॉप के विपरीत एम्ब्रेयर के विमान कम समय में लंबी दूरी की यात्रा प्रदान करते हैं। इसलिए ही वह भारत के उभरते नेटवर्क के लिए उपयुक्त हैं।

इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की सालाना आम बैठक के इतर विलरन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत की। फिलहाल, एम्ब्रेयर का विमान विनिर्माण संयंत्र ब्राजील और अमेरिका में है। भारत में एम्ब्रेयर की मौजूदगी पहले से है और उसके पास वाणिज्यिक, रक्षा और व्यावसायिक विमानन क्षेत्रों में 11 प्रकार के करीब 50 विमान हैं।

नई दिल्ली के एरो सिटी में इसकी भारतीय सहायक कंपनी सक्रिय रूप से रक्षा, वाणिज्यिक विमानन, व्यावसायिक विमानन, सेवाओं और सहायता तथा उभरते शहरी हवाई गतिशीलता क्षेत्र में अवसर तलाश रही है। कंपनी ने कहा कि वह कॉर्पोरेट कार्यों, खरीद, आपूर्ति श्रृंखला और इंजीनियरिंग में क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपनी स्थानीय टीम का विस्तार करने की प्रक्रिया में है। एम्ब्रेयर ने एक बयान में कहा, ‘हम भारत के गतिशील एरोस्पेस और रक्षा परिवेश का समर्थन करने के लिए क्षमता का निर्माण कर रहे हैं।’

First Published - June 2, 2025 | 9:57 PM IST

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