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FMCG sector: ग्रामीण मांग बनी FMCG सेक्टर का सहारा, शहरी बाजार में कमजोरी बरकरार

एफएमसीजी फर्मों को शहरी मांग में दिख रही चुनौती

Last Updated- November 22, 2024 | 10:57 PM IST
FMCG Stocks

ग्रामीण बाजार में भले ही लगातार सुधार हो लेकिन वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में शहरी बाजार दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) का उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए चुनौती बन गए। अपने परिणामों के बाद की टिप्पणी में इस क्षेत्र की कंपनियों ने शहरी इलाकों में दबाव पर प्रकाश डाला।

नीलसनआईक्यू के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि देश के एफएमसीजी क्षेत्र में वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के दौरान मूल्य के लिहाज से 5.7 प्रतिशत और मात्रा के लिहाज से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मुख्य रूप से ग्रामीण मांग के कारण हुई। इस दौरान ग्रामीण मांग शहरी की तुलना में दोगुनी रफ्तार से बढ़ी।

शहरी मांग में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ग्रामीण मांग में छह प्रतिशत तक का इजाफा हुआ जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत थी। ब्रोकरेज कंपनियों ने बताया कि शहरी क्षेत्र की कमजोर मांग और सामान्य व्यापार में अधिक स्टॉक से वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के दौरान शहरी राजस्व पर दबाव बना।

मोतीलाल ओसवाल ने इस क्षेत्र के परिणामों के बाद की अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘हमारी इस पर नजर है कि यह कोई अस्थायी रुझान है या ऐसा बदलाव जो लंबी अवधि में इसकी राह पर असर डाल सकता है।’ ब्रोकरेज ने कहा कि हाल में कच्चे माल के दामों में इजाफे से निपटने के लिए वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में कीमतों में बढ़ोतरी के आसार हैं।

उसने कहा ‘सकल मार्जिन में धीरे-धीरे सुधार नजर आने की संभावना है और चौथी तिमाही में और अधिक सार्थक सुधार की उम्मीद है। शहरी पिकअप, मूल्य निर्धारण की गतिविधियां, चैनल रणनीति और कच्चे माल की कीमतों पर खास तौर पर नजर रखने की जरूरत है।’

हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी रोहित जावा ने कंपनी के परिणामों की विज्ञप्ति में कहा, ‘सितंबर तिमाही के दौरान शहरी बाजार में एफएमसीजी की मांग में मामूली इजाफा देखा गया जबकि ग्रामीण मांग में लगातार सुधार जारी रहा।

इस संबंध में हमने प्रतिस्पर्धी और लाभकारी प्रदर्शन किया।’ लक्स साबुन बनाने वाली कंपनी एचयूएल ने स्वीकार किया कि कच्चे पाम तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है। कंपनी ने जिंसों की अधिक लागत की भरपाई करने के लिए सुनियोजित मूल्य वृद्धि की घोषणा की है।

इस परिदृश्य पर चर्चा करते हुए ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कंपनी नतीजों के बाद की बैठक के दौरान विश्लेषकों को बताया कि वे जिंसों के रुख पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं और रोजना समायोजन कर रहे हैं।

First Published - November 22, 2024 | 10:57 PM IST

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