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HUL ने दाम घटाए, अब कम पैसे में मिलेगा ज्यादा डिटर्जेंट और डिशवॉश

Last Updated- March 30, 2023 | 8:55 PM IST
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प्रमुख एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। साथ ही कंपनी ने डिटर्जेंट एवं डिशवॉश श्रेणी में उत्पादों की मात्रा बढ़ा दी है। प्रभावी कीमतों में 10 से 25 रुपये तक कमी की गई है जबकि मात्रा वृद्धि का दायरा 17 से 25 फीसदी के बीच है। कंपनी ने कच्चे माल की कीमतों में गिरावट के कारण यह पहल की है।

कंपनी ने रिन बार की मात्रा को 120 ग्राम से बढ़ाकर 140 ग्राम कर दिया है जबकि कीमत 10 रुपये ही रखी है। सर्फ एक्सेल मैटिक लिक्विड की कीमत एक लीटर पैक के लिए 220 रुपये से घटाकर 199 रुपये कर दी गई है। सर्फ एक्सेल ईजी वॉश लिक्विड के एक लीटर पैक की कीमत 205 रुपये से घटाकर 190 रुपये कर दी गई है।
डिशवॉश श्रेणी में कंपनी ने विम लि​क्विड के 185 मिलीग्राम पैक की कीमत 20 रुपये से घटकार 15 रुपये कर दी है। विम बार की मात्रा को 300 ग्राम से बढ़ाकर 375 ग्राम कर दिया गया है जबकि कीमत 30 रुपये ही रहने दी है।

HUL ने एक ईमेल में कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी क्योंकि वह अपने नतीजों से पहले की अव​धि को पूरा करने जा रही है।

उत्पादों के दाम ऐसे समय में घटाए गए हैं जब भारतीय FMCG उद्योग में पिछले दो वर्षों के दौरान महंगाई के मद्देनजर कीमतों में वृद्धि और मात्रा में कमी पहले ही की गई थी। इससे मांग पर भी असर पड़ा था।

फिलिप कैपिटल इंडिया के उपाध्यक्ष (अनुसंधान- उपभोक्ता एवं खुदरा) विशाल गुटका ने कहा, ‘वे मात्रा और कीमतों में कटौती के जरिये कच्चे माल की लागत में कमी का लाभ ग्राहकों को दे रहे हैं। ग्रामीण बाजार में उन्हें झटका लगा है क्योंकि महंगाई के कारण उपभोक्ता कंपनियों के लिए मात्रात्मक बिक्री दबाव में रही है। उपभोक्ताओं ने महंगाई के मद्देनजर विवेकाधीन खर्च से भी परहेज किया है।’

एचयूएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्या​धिकारी संजीव मेहता ने हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा था, ‘अगले दो वर्षों के दौरान मूल्य वृद्धि में नरमी रहेगी और मात्रात्मक बिक्री में वृद्धि तभी होगी जब आप जिंस कीमतों में नरमी का लाभ उपभोक्ताओं को भी देना शुरू करेंगे। मैं कहूंगा कि आपको जिंस कीमतों में गिरावट की जरूरत है। अगर रूस-यूक्रेन संकट का हल हो जाता है तो ​नि​श्चित तौर पर जिंस कीमतों में ​नरमी दिखेगी। यदि वे बढ़े हुए स्तर पर बरकरार रहती हैं तो उपभोक्ता पर दबाव बना रहेगा।’

First Published - March 30, 2023 | 8:55 PM IST

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