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मोबाइल पीएलआई योजना से 5 गुना ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू, ICEA ने दर घटाने की पैरवी की

वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 26 तक मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए कुल पीएलआई व्यय अधिकतम लगभग 34,149 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

Last Updated- August 14, 2024 | 10:43 PM IST
मोबाइल पीएलआई योजना से 5 गुना ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू, ICEA ने दर घटाने की पैरवी की Rs 1.82 trillion GST from mobile phones 5 times what PLI allocated

मोबाइल फोन कंपनियों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह साल 2020-21 (वित्त वर्ष 21) और साल 2023-24 (वित्त वर्ष 24) के बीच 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह साल 2025-26 (वित्त वर्ष 26) को समाप्त होने वाले छह वर्षों के दौरान मोबाइल विनिर्माण से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवंटित 34,149 करोड़ रुपये की तुलना में पांच गुना से ज्यादा राजस्व दे चुका है। इस समय मोबाइल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।

जीएसटी के आंकड़े उपलब्ध कराने वाली भारतीय सेलुलर एसोसिएशन (आईसीईए) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 26 के बीच मोबाइल डिवाइसों से जीएसटी संग्रह 3.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। यह सरकार द्वारा मोबाइल की पीएलआई योजना के लिए इसकी अवधि के अंत तक आवंटित राशि का नौ से 10 गुना अधिक है।

वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 26 तक मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए कुल पीएलआई व्यय अधिकतम लगभग 34,149 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। हालांकि पीएलआई के लिए पात्र कंपनियां इस बात का संकेत दे रही हैं कि वित्त वर्ष 26 तक आंवटन में 10 प्रतिशत की कमी हो सकती है और यह 31,000 करोड़ रुपये के करीब रह सकता है क्योंकि कई कंपनियां इस प्रोत्साहन की पात्र नहीं रही हैं।

आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, ‘जब साल 2020 में पहली बार पीएलआई योजनाओं पर चर्चा की गई थी, तब हमने सरकार को सूचित किया था कि प्रस्तावित मोबाइल पीएलआई की स्व-वित्तीय सहायता के लिए तत्कालीन 12 प्रतिशत जीएसटी काफी हद तक पर्याप्त था। पिछले चार वर्षों के जीएसटी संग्रह से यह साबित होता है कि स्मार्टफोन की पीएलआई काफी आत्मनिर्भर है और इस संग्रह से अन्य पीएलआई को भी वित्तीय सहायता दी जा सकती है।’ एसोसिएशन जीएसटी कम करके वापस 12 प्रतिशत की पहले वाली दर पर लाने की पैरवी कर रही है।

दूसरे स्तर पर बात करें, तो अकेले मोबाइल का वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 24 तक का जीएसटी संग्रह पहले ही 14 पीएलआई योजनाओं के लिए सरकार के कुल आवंटन के 92 प्रतिशत के बराबर है जो 1.97 लाख करोड़ रुपये है। अगर आईसीईए का अनुमान सही है तो वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 26 तक का कुल जीएसटी संग्रह इन 14 पीएलआई योजनाओं के लिए कुल आवंटन का 1.5 गुना होगा।

सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 को पहली तीन पीएलआई योजनाओं का ऐलान किया था जिनमें से एक मोबाइल फोन के लिए थी। उसी दिन मोबाइल फोन पर जीएसटी भी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। मोबाइल पर इस छह प्रतिशत के इजाफे के कारण बढ़े हुए जीएसटी से सरकार को वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 24 के बीच 60,837 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई है।

यह उस राशि से दोगुनी (30,000 करोड़ रुपये) है जो छह साल की अवधि के दौरान मोबाइल पीएलआई योजना के जरिये आवंटित किए जाने की संभावना है। आईसीईए का अनुमान है कि वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 26 के बीच, जब मोबाइल पीएलआई योजना समाप्त होगी, तब इस बढ़े हुए जीएसटी की राशि 1.03 लाख करोड़ रुपये होगी।

First Published - August 14, 2024 | 10:43 PM IST

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