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25-26% मार्जिन के टारगेट के साथ HDFC लाइफ की FY26 में बड़ी रणनीति! विभा पडलकर का दावा – हम ग्रोथ में इंडस्ट्री से आगे

एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की एमडी व सीईओ विभा पडलकर ने वित्त वर्ष 26 की रणनीति के बारे में भी चर्चा की।

Last Updated- April 18, 2025 | 10:11 PM IST
Vibha Padalkar
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की एमडी व सीईओ विभा पडलकर

एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की एमडी व सीईओ विभा पडलकर ने कंपनी की चौथी तिमाही के परिणाम आने के बाद आतिरा वारियर और सुब्रत पांडा से बातचीत में बताया कि कैसे कंपनी ने उद्योग के रुझानों में तेजी से वृद्धि हासिल की। उन्होंने वित्त वर्ष 26 की रणनीति के बारे में भी चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश : 

‘उद्योग का प्रदर्शन अच्छा रहा है, ऐसे में आप वित्त वर्ष 25 में कंपनी के प्रदर्शन का कैसा आकलन करती हैं?

हमने क्षेत्र की तुलना में अधिक तेजी से वृद्धि की है। इससे हमारी मार्केट हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। हमने वित्त वर्ष 25 में  प्राइवेट स्पेस स्तर पर 30 आधार अंक की वृद्धि की है जबकि सेक्टर स्तर पर 70 आधार अंक की वृद्धि हासिल की है। हमें बेहद खुशी है कि छोटे, मझौले और बड़े शहरों के मार्केट में समग्र वृद्धि हुई है। हमारे उत्पादों के मिश्रण ने पूरे साल और चौथी तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया था। चौथी तिमाही में यूनिट लिंक्ड प्लान्स (यूलिप) में कोई सुस्ती नजर नहीं आई। अत: यह 40 प्रतिशत पर रह गया। कंपनी के कुल 25 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में खुदरा संरक्षण में तेजी आई। हमने पेंशन ऐंड पार्टिसिपेटिंग (पीएआर) क्षेत्र में विशेष तौर पर उत्पाद पेश किए। चौथी तिमाही में मार्केट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद एपीआई आधार पर पीएआर करीब 49 प्रतिशत बढ़ा। पीएआर के उत्पादों में बेहतर प्रदर्शन का रुझान रहा।

हमने वित्त वर्ष 25 में करीब 30,000 एजेंटों को शामिल किया है। हमने नई शाखाओं और 117 नई शाखाओं में निवेश किया। हमारी पूरे भारत में शाखाओं की संख्या करीब 650 हो गई। हमने कॉरपोरेट एजेंसी के मामले में करीब 40 नए साझेदारों को जोड़ा है। हम प्रबंधन खर्चे और सरेंडर शुल्क से निपट चुके हैं। हमने चौथी तिमाही में कर के बाद लाभ और नए बिजनेस के मार्जिन में वृद्धि दर्ज की। लिहाजा चुनौतीपूर्ण परिवेश, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नियमाकीय बदलाव के बाद हम समग्र प्रदर्शन करने से खुश हैं। 

क्या नियामकीय बदलावों से उद्योग की वृद्धि प्रभावित हुई?

ऐसा मुझे नहीं लगता है। मैं सोचती हूं कि रणनीति के मामले में स्पष्टता की जरूरत है। आने वाले बदलाव से आगे निवेश करने की जरूरत है। लिहाजा निवेश और जब भी वृद्धि शुरू होने की स्थिति में अंतर रहेगा।

वित्त वर्ष 26 के लिए कंपनी क्या रणनीति अपना रही है और किस तरह की वृद्धि के लक्ष्य स्थापित किए गए हैं?

हम उद्योग की तुलना में तेजी से आगे बढ़ेंगे। क्षेत्र ने बीते समय में जीडीपी वृद्धि का 2 गुना बढ़ने का अनुमान जताया था। लेकिन हम कई हिस्सों में वृद्धि होने से हम इस पर आश्रित नहीं हैं। हम अपने मार्जिन को बढ़ा कर उस स्तर तक ले जाएंगे जो उद्योग में सर्वश्रेष्ठ में एक होंगे। लिहाजा हम मार्जिन का दायरा 25-26 प्रतिशत के करीब रखेंगे। हम मार्जिन को इस दायरे में रखेंगे और इससे अधिक विस्तार होने की स्थिति में  कारोबार में फिर से निवेश करेंगे। 

क्या आप अपने उत्पादों के मिश्रण में बदलाव करेंगे? 

हम यूलिप को 30 प्रतिशत के करीब रखना चाहते हैं। हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्य करेंगे। हम चाहते हैं कि अगले साल तक सावधि बीमा 6 प्रतिशत और उससे अधिक के लक्ष्य को हासिल किया जाए। अभी कंपनी की कुल वृद्धि से सावधि की वृद्धि अधिक है, इसे बढ़ना चाहिए। इसका मूल्य अपेक्षाकृत कर रहने का रुझान रहता है। मुझे कहीं अधिक पॉलिसियां बेचने की आवश्कयकता है।

एलआईसी के बॉन्ड एफआरए मार्केट में प्रवेश करने से कुछ असर पड़ेगा? 

यह अच्छी बात है कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अग्रिम ब्याज समझौते करने शुरू कर दिए हैं। यह हमारे लिए भी फायदेमंद है। ऐसे में क्षमता का विस्तार भी हुआ है। 

First Published - April 18, 2025 | 10:11 PM IST

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