facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

कूलिंग स्पेस में Adani-Tata के बीच बढ़ी गर्माहट, इस नए सेक्टर पर दबदबा बनाने की होड़

इसी क्रम में दोनों कारोबारी समूहों की ऊर्जा इकाइयां यानी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और टाटा पावर इसे कूलिंग एज ए सर्विस (सीएएएस) के रूप में पेश कर रही हैं।

Last Updated- November 18, 2024 | 12:10 PM IST
Cooling solutions as a service hots up as Tata, Adani make the switch कूलिंग स्पेस में Adani-Tata के बीच बढ़ी गर्माहट, इस नए सेक्टर पर दबदबा बनाने की होड़

भारत के दो बड़े कारोबारी समूह- टाटा और अदाणी, बिजली वितरण में आपसी प्रतिस्पर्धा को अब कूलिंग स्पेस के समाधानों तक बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में दोनों कारोबारी समूहों की ऊर्जा इकाइयां यानी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और टाटा पावर इसे कूलिंग एज ए सर्विस (सीएएएस) के रूप में पेश कर रही हैं। इसके लिए वे शुरू में ही पूंजीगत खर्च उठाएंगी।

पहले अदाणी समूह की ऊर्जा इकाई अदाणी ट्रांसमिशन थी जिसका नाम बदलकर अब अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (एईएसएल) कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि कूलिंग सहित तमाम समाधानों की बिक्री पर कंपनी का फोकस स्पष्ट हो सके। उधर, टाटा पावर ने अक्टूबर में हाल की अपनी घोषणा में कहा था कि वह केपेल के साथ साझेदारी के जरिये सीएएएस की पेशकश करेगी।

अदाणी एनर्जी के प्रवक्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब में कहा, ‘एईएसएल के डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सॉल्यूशंस (डीसीएस) को कूलिंग एज अ सर्विस के रूप में पेश किया जाता है जहां वह पूंजीगत व्यय का पूरा बोझ उठाती है और उपयोगकर्ता केवल अपने उपयोग के अनुसार भुगतान करते हैं।’

अदाणी के प्रवक्ता ने कहा, ‘डेवलपरों के लिए एईएसएल की पेशकश अधिक दिखती है, क्योंकि इससे एचवीएसी (हीटिंग, कूलिंग, वेंटिलेशन ऐंड एयर कंडीशनिंग) पर निवेश का एक बड़ा हिस्सा कम हो जाता है। साथ ही बिक्री के लिए महंगा वाणिज्यिक स्पेस भी मिल जाता है।’

टाटा पावर ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति में इसी प्रकार के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताया। कंपनी ने कहा कि वह कारोबारियों और भवन मालिकों को लंबी अवधि के लिए सबस्क्राइब करने, बुनियादी ढांचे पर भारी निवेश किए बिना ऊर्जा कुशल कूलिंग स्पेस उपलब्ध कराने और ऊर्जा एवं लागत में खासी बचत करने में समर्थ बनाएगी।

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेशन क्षेत्र में बाजार क्षमता और निवेश अवसर 2038 तक 29 अरब डॉलर के होंगे। इंडिया कूलिंग ऐक्शन प्लान 2019 और डिस्ट्रिक्ट कूलिंग गाइडलाइंस 2023 के अनुसार भारत में कूलिंग की जरूरत 2022-23 में 13 करोड़ टन रेफ्रिजरेशन से करीब 4 गुना बढ़कर 2037-38 तक 72 करोड़ टन रेफ्रिजरेशन होने का अनुमान है। इस ऐक्शन प्लान में बताया गया है कि रिहायशी और वाणिज्यिक मकान, कोल्ड चेन, रेफ्रिजरेशन, परिवहन एवं उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में कूलिंग का पर्याप्त उपयोग हो रहा है।

टाटा पावर ने कहा है कि केपेल के साथ उसकी साझेदारी अत्यधिक मांग वाले बाजार पर ध्यान केंद्रित करेगी। इनमें हवाई अड्डे, आईटी पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्र, डेटा सेंटर और अन्य रिहायशी एवं वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल हैं।

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत में डीसीएस के लिए बाजार 2023 में महज 9 लाख टन रेफ्रिजरेशन था। मगर रियल्टी और शहरी आवास विकास परियोजनाओं में हो रहे महत्त्वपूर्ण विकास के मद्देनजर उसके करीब 20 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़कर 2037-38 तक करीब 13.2 करोड़ टन रेफ्रिजरेशन होने का अनुमान है।’

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और टाटा पावर दोनों मुंबई वितरण क्षेत्र सहित अन्य तमाम बिजली वितरण क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

अदाणी एनर्जी के प्रवक्ता ने कहा कि शहरी बिजली वितरण क्षेत्र में मौजूदगी से अक्षय ऊर्जा को ग्रिड की बिजली में मिलाना आसान हो सकता है। इससे डीसीएस समाधान काफी सस्ता और टिकाऊ हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ा बाजार है। साथ ही यह भी तथ्य है कि राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी एवं जटिल परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की क्षमता वाली कंपनियों की संख्या सीमित है। इसलिए यह हमारे लिए एक आकर्षक बाजार बन सकता है।’

First Published - November 18, 2024 | 12:10 PM IST

संबंधित पोस्ट