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आदेश की प्रमाणित प्रति नहीं होने पर भी सुनवाई संभव : उच्च न्यायालय

Last Updated- April 17, 2023 | 11:41 PM IST
gst penalty

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि आदेश की प्रमाणित प्रति नहीं होने की स्थिति में भी माल एवं सेवा कर (GST) के तहत इनपुट क्रेडिट के दावे की सुनवाई सक्षम प्राधिकारी नए सिरे से करे। इस मामले में आदेश की प्रमाणित प्रति नहीं लगाए जाने के कारण आवेदन खारिज कर दिया गया था।

दरअसल संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी वाले जीएसटी के अपीलीय प्राधिकरण ने आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि आवेदन में आदेश की प्रमाणित प्रति संलग्न नहीं की गई थी। इस मामले में न्यायालय ने कहा कि कॉमन पोर्टल पर संबंधित आदेश उपलब्ध होने के कारण इस आवेदन को अनुमति दी गई। यह अपील इस आदेश से संबंधित थी। लिहाजा आवेदक की याचिका को इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि आवेदक ने इस आदेश की प्रति संलग्न नहीं की।

न्यायालय ने आदेश दिया, ‘रिट याचिका को अनुमति दी जाती है। यह आदेश पारित किया जाता है कि अपीलीय प्राधिकरण के आदेश को रद्द किया जाता है और संबंधित प्राधिकरण को मामला वापस भेजा जाता है। संबंधित प्राधिकरण इस आदेश की प्रमाणित प्रति संलग्न नहीं करने करने के सवाल पर विचार किए बिना गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करे।’

विशेषज्ञों के मुताबिक कई आवेदक आदेश की प्रमाणित प्रति हासिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे आवेदकों को इस आदेश से लाभ मिलेगा। उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पर दलील पेश करने वाले रस्तोगी चैम्बर के अभिषेक रस्तोगी ने कहा कि याचिका करना वैधानिक अधिकार है और इसे प्रक्रियाओं के कारण मना नहीं किया जाए।

First Published - April 17, 2023 | 6:40 PM IST

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