facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Hindenburg effect: विपक्षी दलों का अदाणी के मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला तेज

Last Updated- February 06, 2023 | 8:17 AM IST
Gautam Adani

विपक्षी दलों ने अदाणी मुद्दे को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी नीत सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘‘चुप्पी से मिलीभगत की बू आती है।’’ अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। कांग्रेस द्वारा सोमवार को किए जाने वाले राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन से पहले पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रोजाना तीन सवाल रखेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे से कुछ ऐसे सवाल पैदा होते हैं, जिनसे आप (मोदी) और आपकी सरकार ‘एचएएचके’ (हम अडाणी के हैं कौन) कहकर नहीं बच सकते।’’

उन्होंने एक बयान में सवाल किया कि अदाणी समूह के खिलाफ वर्षों से लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए क्या कार्रवाई की गई है और क्या प्रधानमंत्री मोदी के शासन में इस मामले में निष्पक्ष जांच की कोई उम्मीद है? कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से अपनी ‘चुप्पी’ तोड़ने को कहा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के चंद्रशेखर राव ने अडाणी मामले में एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए विपक्षी दलों की मांग का समर्थन किया, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि भारत की छवि दांव पर है लेकिन सरकार इस मुद्दे को ‘‘बहुत हल्के ढंग से’’ ले रही है।

कांग्रेस ने सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सभी कार्यालयों के बाहर राष्ट्रव्यापी जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। रमेश ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह पर लगे आरोपों के बीच मोदी नीत सरकार ने ‘‘गहरी चुप्पी साध ली है, जिससे मिलीभगत की बू आती है।’’

रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि पनामा पेपर और पेंडोरा पेपर में गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी का नाम बहामास और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में विदेशी संस्थाओं को संचालित करने वाले व्यक्ति के रूप में आया था।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह तथ्य कि आप जिस व्यावसायिक इकाई से भली-भांति परिचित हैं, वह गंभीर आरोपों का सामना कर रही है, यह आपकी जांच की गुणवत्ता और गंभीरता के बारे में क्या बयां करता है?’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘यह कैसे संभव है कि भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक, जिसे हवाई अड्डों और बंदरगाहों के क्षेत्र में एकाधिकार बनाने की अनुमति दी गई है, लगातार आरोपों के बावजूद इतने लंबे समय तक गंभीर जांच से बच सकता है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इससे कमतर आरोपों के लिए अन्य व्यापारिक समूहों को परेशान किया गया और उन पर छापे मारे गए। रमेश ने पूछा, ‘‘क्या अडाणी समूह उस शासन के लिए आवश्यक था, जिसने इतने वर्षों तक ‘भ्रष्टाचार विरोधी’ बयानबाजी से लाभ हासिल किया है।’’

अपने बयान को टैग करते हुए कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘अदाणी महामेगा घोटाले पर प्रधानमंत्री की गहरी चुप्पी ने हमें एचएएचके (हम अदाणी के हैं कौन) की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए मजबूर किया है। हम आज से प्रधानमंत्री से रोजाना तीन सवाल करेंगे।’’ विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह के शेयरों में हालिया गिरावट एक घोटाला है जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के एलआईसी और एसबीआई ने उनमें निवेश किया है। कांग्रेस के महासचिव के सी वेणु गोपाल ने इससे पहले घोषणा की थी कि छह फरवरी को पार्टी जिला स्तर पर एलआईसी और एसबीआई के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करेगी।

विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा और जेपीसी जांच की मांग को लेकर नारेबाजी करने के बाद शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन संसद की कार्यवाही बिना किसी कामकाज के स्थगित कर दी गई। रविवार को, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में व्यवधान नहीं बहस चाहती है और सरकार का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी सदन को बाधित करती है तो उसकी भाजपा के साथ मिलीभगत है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि अडाणी मुद्दे पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उन्होंने विपक्ष पर संसद में चर्चा से बचने का आरोप लगाया।

अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों को केवल छह कारोबारी सत्रों में संयुक्त रूप से 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट का सामना करना पड़ा है। अदाणी एंटरप्राइजेज को 20,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री भी वापस लेनी पड़ी।

मायावती ने कहा, ‘‘देश की अर्थव्यवस्था और आम जीवन पर दीर्घकालीन असर पड़ने जा रहा है। अन्य मामलों की तरह ही अदाणी के मामले में सरकार इस देश के लोगों को सदन के माध्यम से भरोसे में नहीं ले रही। सरकार को लोगों के भरोसे के साथ नहीं खेलना चाहिए।’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अदाणी समूह में अपने जोखिम को लेकर एलआईसी पर झूठा बयान देने के लिए दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली इस समस्या में शामिल है और पूरा देश चिंतित है।

महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में राव ने कहा, ‘‘अदाणी समूह इतने बड़े घोटाले में शामिल है, मेरा प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि इस पर एक संयुक्त संसदीय समिति में चर्चा की जानी चाहिए।’’

राव ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि वह (अदाणी) आपके दोस्त हैं। महज दो साल में वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए। अगर आप ईमानदार हैं तो संयुक्त संसदीय समिति गठित करें। यह मेरी मांग है।’’

उन्होंने कहा कि भारत के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है जो अगले 120 वर्षों तक चलेगा लेकिन केंद्र सरकार राज्यों को आयातित कोयले की खरीद के लिए मजबूर कर रही है, जिसकी आपूर्ति केवल अडाणी समूह द्वारा की जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को अडाणी के लिए जिस तरह का प्यार है, उसे देश के लोगों के लिए होना चाहिए।’’ बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि अगर अदाणी समूह के खिलाफ आरोप लगे हैं तो ‘‘उसे देखा जाना चाहिए।’’ अदाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अदाणी मामले में नियामक अपना काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामक हमेशा इक्विटी बाजार को स्थिर रखने के लिए हैं और संकेत दिया कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट कंपनी विशेष का मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि बैंक और बीमा कंपनियों किसी एक कंपनी के ‘अति संपर्क’ (अत्याधिक निवेश) में नहीं है और आश्वास्त किया कि भारतीय बाजार उसके नियमकों द्वारा बेहतरीन तरीके से प्रबंधित हैं।

First Published - February 6, 2023 | 8:15 AM IST

संबंधित पोस्ट