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भारत Smartphone हब बनने की राह पर: चीन, वियतनाम को पीछे छोड़ने के लिए करना होगा बस ये काम

भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हिस्सेदारी केवल 4% है।

Last Updated- February 13, 2024 | 6:24 PM IST
Smartphone- स्मार्टफोन

भारत स्मार्टफोन (Smartphone) बनाने और बेचने के मामले में दुनिया में नंबर 1 बनना चाहता है, लेकिन उसे चीन और वियतनाम से कड़े कंपटीशन का सामना करना पड़ रहा है। डिप्टी आईटी मंत्री राजीव चन्द्रशेखर का कहना है कि भारत को बेहतर टैरिफ की पेशकश करके बड़ी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। इससे भारत को वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में बेहतर कंपटीशन करने में मदद मिलेगी।

पार्ट्स पर हाई टैरिफ बना भारत की समस्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में स्मार्टफोन बनाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और नौकरियां पैदा करना चाहते हैं। लेकिन पार्ट्स पर हाई टैरिफ कंपनियों को अपना उत्पादन चीन से भारत ले जाने से रोक रहा है।

यह चिंता चन्द्रशेखर ने वित्त मंत्री के समक्ष एक निजी प्रेजेंटेशन में व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ये हाई टैरिफ भारत में स्मार्टफोन का उत्पादन महंगा बना रहे हैं, जिससे इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता (competitiveness) को नुकसान पहुंच रहा है।

दस्तावेज़, निर्माताओं को आकर्षित करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्मार्टफोन पार्ट्स पर टैरिफ कम करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं। स्मार्टफोन उत्पादन में भारत की प्रगति के बावजूद, टैरिफ संबंधी बाधाओं के कारण इसका निर्यात प्रदर्शन चीन और वियतनाम की तुलना में कम है।

चन्द्रशेखर भारत के बड़े लक्ष्यों के अनुरूप टैरिफ नीति सुधारों का पुरजोर समर्थन करते हैं और मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में वृद्धि के लिए निर्यात के महत्व पर जोर देते हैं।

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इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हिस्सेदारी लक्ष्य से बहुत दूर भारत

भारत की वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हिस्सेदारी केवल 4% है, जो 2029 तक 25% तक पहुंचने के बड़े लक्ष्य के आसपास भी नहीं है, जिससे टैरिफ नीति सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया गया है। इस बीच, चीन और वियतनाम जैसे देशों ने पहले से ही मजबूत स्थिति हासिल कर ली है, जो कि बहुत अधिक निर्यात करते हैं।

चंद्रशेखर ने भारत के स्मार्टफोन बाजार में घरेलू बिक्री के बजाय निर्यात को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि लोकल मांग संतृप्ति (saturation) के करीब है।

क्योंकि यूजर्स अब पहले के मुकाबले अपने फोन को लंबे समय तक चला रहे हैं, क्योंकि अब उनकी क्वालिटी पहले के मुकाबले बेहतर हो गई है। उन्होंने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत के लक्ष्यों के अनुरूप टैरिफ नीतियों में रणनीतिक बदलाव करने को कहा। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - February 13, 2024 | 6:24 PM IST

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