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Airprox: भारतीय हवाई क्षेत्र में विमानों के करीब आने की घटनाएं घटीं, DGCA ने जारी की रिपोर्ट

DGCA ने कहा कि प्रति 10,000 उड़ानों पर जमीन के करीब होने को लेकर जारी होने वाली चेतावनी में भी 92 प्रतिशत की कमी आई है जिससे नियंत्रित उड़ान के जोखिम में कमी आई है।

Last Updated- September 04, 2024 | 4:39 PM IST
Big step by DGCA, after recent accidents there will be special audit of flight training organizations DGCA का बड़ा कदम, हालिया दुर्घटनाओं के बाद उड़ान प्रशिक्षण संगठनों का होगा विशेष ऑडिट

विमानन नियामक DGCA ने बुधवार को कहा कि देश में विमानों के अस्थिर लैंडिंग अप्रोच और भारतीय हवाई क्षेत्र में जोखिम वाले ‘एयरप्रॉक्स’ की घटनाओं की संख्या 2023 में काफी कम हो गई। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बयान में वर्ष 2023 की अपनी वार्षिक सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट की जानकारी दी है।

नियामक ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रति दस हजार उड़ानों में लैंडिंग के समय अस्थिर अप्रोच का अनुपात लगातार घटा है और पिछले साल इसमें लगभग 23 प्रतिशत की कमी आई है। लैंडिंग अप्रोच किसी उड़ान का वह चरण होता है जब चालक दल विमान को 5,000 फुट की ऊंचाई से नीचे उतारने की प्रक्रिया शुरू करता है। विमान के हवाईपट्टी तक पहुंचने के साथ यह चरण खत्म होता है।

DGCA ने कहा कि लैंडिंग के समय अस्थिर अप्रोच कम होने से हवाईपट्टी से खिसकने और हवाईपट्टी पर असामान्य रूप से संपर्क का जोखिम कम हो जाता है। इसी तरह भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रति 10 लाख उड़ानों में जोखिम वाले एयरप्रॉक्स की संख्या 25 प्रतिशत कम हो गई है। दो विमानों को उड़ान के दौरान स्वीकार्य सीमा से अधिक नजदीक हो जाने को एयरप्रॉक्स कहा जाता है।

DGCA ने कहा कि प्रति 10,000 उड़ानों पर जमीन के करीब होने को लेकर जारी होने वाली चेतावनी में भी 92 प्रतिशत की कमी आई है जिससे नियंत्रित उड़ान के जोखिम में कमी आई है। DGCA सुरक्षा प्रदर्शन संकेतकों और सुरक्षा प्रदर्शन लक्ष्यों के संदर्भ में सालाना मूल्यांकन करता है और उसके आधार पर वार्षिक सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट प्रकाशित करता है।

First Published - September 4, 2024 | 4:39 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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