facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

अब कर्मचारियों की बदल रही हैं प्राथमिकताएं — सैलरी कम हो पर इंश्योरेंस, रिटायरमेंट प्लानिंग और रिमोट वर्क मिले

इसके साथ ही 73 प्रतिशत कर्मचारी परफॉर्मेंस बेस्ड बोनस और और इंसेंटिव को तनाव कम करने का एक महत्वपूर्ण तरीका मानते हैं।

Last Updated- May 25, 2025 | 4:40 PM IST
Office
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

बढ़ती महंगाई और वर्कप्लेस पर लगातार हो रहे बदलाव के बीच कर्मचारियों की भी प्राथमिकताएं अब धीरे-धीरे बदल रही हैं। स्टाफिंग सॉल्यूशंस और HR सर्विसेज देने वाली संस्था जीनियस कंसल्टेंट्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 74 प्रतिशत कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि उन्हें भले थोड़ी कम सैलरी मिले, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस, रिटायरमेंट प्लानिंग और एजुकेशन हेल्प जैसे जरूरी और लंबे समय तक मिलने वाले लाभ मिलें। यह रिपोर्ट देशभर के अलग-अलग सेक्टर्स में काम कर रहे 1,139 कर्मचारियों के जवाबों पर आधारित है।

इस रिपोर्ट में सामने आया कि केवल 32 प्रतिशत कर्मचारी अपने पैकेज को पर्याप्त मानते हैं, जबकि 61 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मिल रहा लाभ कम हैं। यह दिखाता है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

Also Read: नौकरी छोड़ने के बाद भी रहें टेंशन फ्री — जानें कैसे कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस को पर्सनल प्लान में बदला जा सकता है

‘हाइब्रिड या रिमोट वर्क जरूरी’

रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि 84 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि हाइब्रिड या रिमोट वर्क जैसे काम करने को विकल्प उन्हें अपने फाइनेंशियल प्लानिंग को और बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। यह न केवल प्रोडक्टिविटी को बढ़ावा देते हैं, बल्कि कर्मचारियों को अपनी बचत बढ़ाने और खर्चों को नियंत्रित करने में भी सहायता करते हैं। इसके अलावा, 54 प्रतिशत कर्मचारियों ने बताया कि उनकी कंपनियां मेंटल और फाइनेंशियल हेल्थ को प्राथमिकता नहीं देती, जिससे वेलनेस प्रोग्राम्स की प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 73 प्रतिशत कर्मचारी परफॉर्मेंस बेस्ड बोनस और और इंसेंटिव को तनाव कम करने का एक महत्वपूर्ण तरीका मानते हैं। यह पता चलता है कि कर्मचारी निश्चित सैलरी के साथ-साथ दूसरी आय को भी प्राथमिकता दे रहे हैं, जो उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दिखाता हो।

जीनियस कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर पी यादव कहते हैं, “आज का वर्कफोर्स आय की परिभाषा को नए सिरे से गढ़ रहा है। वित्तीय कल्याण अब केवल वेतन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लंबे समय तक मिलने वाली सुरक्षा, लचीला काम करने का तरीका और पर्सनल टारगेट को सपोर्ट देने वाले प्रोत्साहन शामिल हैं। कंपनियों को यह समझना होगा कि टिकाऊ और भविष्य-केंद्रित लाभ देना केवल एक मानव संसाधन कार्य नहीं, बल्कि कर्मचारी निष्ठा, उत्पादकता और विकास में एक रणनीतिक निवेश है।”

First Published - May 25, 2025 | 4:37 PM IST

संबंधित पोस्ट