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ईंधन मांग वृद्धि में सबसे आगे रहेगा भारत: IEA

भारत की कच्चे तेल की मांग 2023 में 54 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 तक 67 लाख बीपीडी हो जाने का अनुमान है।

Last Updated- June 12, 2024 | 4:26 PM IST
The oil factor
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अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने बुधवार को कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता भारत इस दशक के उत्तरार्ध में वैश्विक तेल मांग में अग्रणी बन जाएगा। एजेंसी ने 2023 और 2030 के बीच खपत में 13 लाख बैरल की भारी वृद्धि का अनुमान लगाया है।

पेरिस मुख्यालय वाली निगरानी एजेंसी ने अपनी ‘ऑयल 2024 रिपोर्ट’ में कहा कि अनुमान है कि 2023 और 2030 के बीच भारत की तेल मांग चीन के अलावा किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक बढ़ेगी।

भारत की कच्चे तेल की मांग 2023 में 54 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 तक 67 लाख बीपीडी हो जाने का अनुमान है। यह 3.2 प्रतिशत या 13 लाख बीपीडी की वृद्धि है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘असामान्य रूप से, वैश्विक संदर्भ में 13 लाख बीपीडी से अधिक की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान सड़क परिवहन ईंधन की बढ़ती मांग का होगा। इसमें पेट्रोरसायन फीडस्टॉक्स का अपेक्षाकृत कम योगदान होगा और अंतर्निहित वृद्धि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तैनाती से काफी आगे निकल जाएगी।

इसमें कहा गया, 2025 और 2030 के बीच भारत की तेल मांग में नौ लाख बीपीडी की वृद्धि होगी, जो चीन की 5.7 लाख बीपीडी की मांग वृद्धि से काफी अधिक है।

विश्व के लिए, आईईए ने पूर्वानुमान लगाया है कि तेल की मांग 2029 तक चरम पर पहुंच जाएगी तथा उससे अगले वर्ष इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। भारत में तेल की मांग में वृद्धि मुख्य रूप से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण है। भारत 2024 में लगातार तीसरे वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।

First Published - June 12, 2024 | 4:26 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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