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पेपर इंडस्ट्री निकाय ने लागत से कम कीमत पर फाइबर पेपरबोर्ड के इंपोर्ट पर चिंता जताई

आईपीएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के अगस्त और सितंबर महीने में वीएफपी का आयात 30,000 टन प्रति माह से अधिक रहा जो कुल घरेलू मांग का 20 प्रतिशत से अधिक है।’’

Last Updated- November 28, 2024 | 6:32 AM IST
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भारतीय कागज विनिर्माता संघ (आईपीएमए) ने चीन और चिली जैसे देशों से वर्जिन फाइबर पेपरबोर्ड के बढ़ते आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘कम लागत’ वाली आयात खेप स्थानीय उत्पादकों के निवेश को खतरे में डाल रही है।

आईपीएमए ने कहा कि मुख्य रूप से दवा, दैनिक उपभोग के सामान और सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले वर्जिन फाइबर पेपरबोर्ड (वीएफपी) का आयात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में तीन गुना से अधिक बढ़कर 21,233 टन प्रति माह हो गया जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह औसत 6,337 टन प्रति माह था।

आईपीएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के अगस्त और सितंबर महीने में वीएफपी का आयात 30,000 टन प्रति माह से अधिक रहा जो कुल घरेलू मांग का 20 प्रतिशत से अधिक है।’’ आईपीएमए ने सरकार से घरेलू निर्माताओं के लिए प्रतिस्पर्धा के समान अवसर तैयार करने का आग्रह किया है।

First Published - November 28, 2024 | 6:32 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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