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AGR बकाया पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: Airtel, Vodafone Idea और Tata को नहीं मिली राहत

AGR Dues: एयरटेल और उसकी दूसरी कंपनी भारती हेक्साकॉम ने कोर्ट से ₹34,745 करोड़ की राहत मांगी थी।

Last Updated- May 19, 2025 | 2:41 PM IST
Supreme Court on Telecom Industries

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन आइडिया (Vi) और टाटा टेलीसर्विसेज की याचिका खारिज कर दी। इन कंपनियों ने AGR बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज माफ करने की मांग की थी। इस फैसले से ठीक एक दिन पहले वोडाफोन आइडिया ने कोर्ट में अर्जी दी थी। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा था कि उस पर ₹45,000 करोड़ से ज्यादा का AGR बकाया है और हालत इतनी खराब है कि अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी को बंद करना पड़ सकता है।

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AGR Dues: Airtel ने कितनी राहत मांगी थी?

एयरटेल और उसकी दूसरी कंपनी भारती हेक्साकॉम ने कोर्ट से ₹34,745 करोड़ की राहत मांगी थी। एयरटेल ने कहा कि वह पुराने फैसले को नहीं बदलवाना चाहती, लेकिन उसे ब्याज और जुर्माने का बोझ बहुत भारी लग रहा है। वोडाफोन आइडिया ने सरकार से कहा है कि अगर उसे और मदद नहीं मिली, तो वह 2025-26 के बाद अपना काम बंद कर देगी। कंपनी ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो उसे दिवालिया घोषित करने के लिए कोर्ट जाना पड़ेगा।

Vi ने कहा कि उसने ₹26,000 करोड़ की नई पूंजी जुटाई है और सरकार ने भी उसका बकाया पैसा शेयरों में बदल दिया है। लेकिन इसके बाद भी बैंक उसे कर्ज देने को तैयार नहीं हैं। कंपनी ने सरकार को यह भी बताया कि अगर Vi बंद हो गई तो सरकार की 49% हिस्सेदारी बेकार हो जाएगी। क्योंकि सरकार ने पहले ही ₹1.18 लाख करोड़ के स्पेक्ट्रम बकाया को शेयरों में बदल दिया है।

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AGR बकाया क्या है?

AGR यानी Adjusted Gross Revenue टेलीकॉम कंपनियों की कमाई का एक हिस्सा होता है, जिस पर सरकार टैक्स और फीस लेती है। कोर्ट ने पहले ही कहा था कि कंपनियों को पुराना बकाया देना होगा। अब इन कंपनियों ने सिर्फ ब्याज और जुर्माना माफ करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे भी मंजूर नहीं किया।

First Published - May 19, 2025 | 2:22 PM IST

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