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Air India Plane Crash: एयर इंडिया AI171 हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की UK एजेंसी कर रही समीक्षा

Air India Plane Crash: UK AAIB फिलहाल इस 15 पन्नों की शुरुआती रिपोर्ट का डिटेल में रिव्यू कर रही है और AAIB India के साथ लगातार संपर्क में है।

Last Updated- July 13, 2025 | 8:45 AM IST
Air India Plane Crash
Representative Image

Air India Plane Crash: ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) ने रविवार को कहा कि वह हाल ही में अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के हादसे पर भारत की ओर से जारी शुरुआती रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है।

यह रिपोर्ट भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है, जो पिछले महीने टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद हुए क्रैश की शुरुआती जांच पर आधारित है। इस हादसे में 242 में से सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची, बाकी सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी।

क्योंकि इस हादसे में 52 ब्रिटिश नागरिकों की भी मौत हुई, इसलिए यूके की AAIB भी इस जांच प्रक्रिया का हिस्सा है।

ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (UK AAIB) ने भारत की शुरुआती जांच रिपोर्ट का स्वागत किया है। यह रिपोर्ट उस विमान हादसे से जुड़ी है जिसकी जांच भारत की एएआईबी (AAIB India) कर रही है। UK AAIB ने कहा है कि यह रिपोर्ट अब तक सामने आई तथ्यों का सार है।

UK AAIB फिलहाल इस 15 पन्नों की शुरुआती रिपोर्ट का डिटेल में रिव्यू कर रही है और AAIB India के साथ लगातार संपर्क में है। ब्रिटेन की AAIB को इस जांच में ‘एक्सपर्ट’ का दर्जा दिया गया है। इंटरनेशनल प्रोटोकॉल्स के तहत, जांच से जुड़ी कोई भी ऑफिशियल जानकारी सिर्फ भारतीय एजेंसियां ही जारी कर सकती हैं।

रिपोर्ट में सामने आया है कि हादसे से कुछ सेकेंड पहले दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच “रन” पोजिशन से अचानक “कटऑफ” पोजिशन में चले गए थे, और यह बदलाव एक सेकेंड के अंदर हुआ। इसके बाद प्लेन की हाइट अचानक कम हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने फ्यूल क्यों बंद किया, तो दूसरा पायलट इनकार करता है कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया।

12 जून के एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर ब्रिटिश परिवारों की चिंता: जांच में हिस्सेदारी की मांग

12 जून को हुए एयर इंडिया हादसे में जिन ब्रिटिश परिवारों ने अपने करीबी खोए हैं, वे अब जांच प्रक्रिया में खुद के लिए एक्सपर्ट रिप्रेजेंटेशन की मांग कर रहे हैं। ये परिवार लंदन की लीगल फर्म Keystone Law से सलाह ले रहे हैं, जो 20 से ज़्यादा परिवारों की तरफ से केस देख रही है।

Keystone Law के एविएशन पार्टनर जेम्स हीली-प्रैट ने बताया कि जांच अब एक खास हिस्से – फ्यूल कंट्रोल स्विचेज़ – पर फोकस कर रही है, जो एक पॉजिटिव बात है। लेकिन परिवार इस बात से परेशान हैं कि उन्हें इस सेफ्टी इन्वेस्टिगेशन से बाहर रखा गया है।

हीली-प्रैट ने कहा, “इसमें कोई मैकेनिज्म होना चाहिए, जिससे इन परिवारों के एक्सपर्ट्स को भी जांच में इनपुट देने का मौका मिले। ये सिर्फ भारत की जांच नहीं है – इसमें ब्रिटेन और अमेरिका की एजेंसियां भी शामिल हैं। इसलिए इंटरनैशनल लेवल पर इन परिवारों की भी भागीदारी जरूरी है।”

हाल ही में Keystone Law को आधिकारिक रूप से नियुक्त किया गया है ताकि वह Air India के वकीलों और इंश्योरेंस कंपनियों के साथ लंदन में क्लेम प्रोसेस को हैंडल कर सके। फिलहाल इस पर बातचीत चल रही है, जिसे हीली-प्रैट ने “constructive” बताया।

परिवार ये भी जानना चाहते हैं कि फ्यूल कंट्रोल सिस्टम से जुड़े पुराने मसलों की जानकारी पहले से किन एजेंसियों के पास थी। एयर इंडिया हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसी FAA ने Special Airworthiness Information Bulletin (SAIB) जारी किया था, जो सिर्फ सलाह के तौर पर था, जरूरी नहीं था। इसी वजह से एयर इंडिया ने जांच नहीं करवाई थी। इस पर परिवारों को चिंता है कि कहीं सुरक्षा मानकों में कोई ढिलाई तो नहीं बरती गई।

हीली-प्रैट ने कहा, “हम US की कोर्ट में जाकर इससे जुड़ी जानकारी हासिल करना चाहते हैं, जिससे परिवारों को जल्दी जवाब मिल सके। ऐसा करना शायद दो साल तक सेफ्टी रिपोर्ट का इंतज़ार करने से बेहतर रहेगा।”

उन्होंने ये भी कहा, “अब जब जांच का फोकस एक खास पॉइंट पर है, तो 90% थ्योरीज़ और स्पेकुलेशंस खत्म हो सकते हैं।”

इस हादसे में कुल 53 ब्रिटिश नागरिकों में से सिर्फ एक व्यक्ति – विवेक कुमार प्रकाश (सीट नंबर 11A) – ही बच पाए थे, जो कि चमत्कारी था।

(-भाषा इनपुट के साथ)

First Published - July 13, 2025 | 8:43 AM IST

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