facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट की जांच ने पकड़ी रफ्तार, अधिकारी हो सकते हैं तलब

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के विक्रेताओं पर बीते हफ्ते छापेमारी के बाद केंद्रीय एजेंसी अब कंपनी के अधिकारियों पर समन जारी करने का विचार कर रही है।

Last Updated- November 11, 2024 | 9:58 PM IST
Flipkart and Amazon

कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों के विक्रेताओं पर छापेमारी के बाद कथित तौर पर विदेशी निवेश नियमों की अवहेलना के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी अब एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के अधिकारियों को तलब कर सकते हैं। वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी है।

इस कार्रवाई से वॉलमार्ट के निवेश वाली फ्लिपकार्ट और एमेजॉन पर नियामकीय जांच तेज होने का संकेत मिलता है, जब भारत के 70 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स बाजार में उनकी बिक्री काफी तेजी से बढ़ रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया था कि जांच एजेंसी ने यह भी पाया था कि दोनों कंपनियों ने कुछ चुनिंदा विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए कानूनों का उल्लंघन भी किया है।

हालांकि, फ्लिपकार्ट और एमेजॉन का कहना है कि वे पूरी तरह से भारतीय कानून का पालन कर रही है मगर प्रवर्तन निदेशालय वर्षों से उन आरोपों की जांच कर रहा है जिसमें कंपनियां चुनिंदा विक्रेताओं के जरिये वस्तुओं के भंडार पर नियंत्रण रखती है।

भारतीय कानून में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को उन वस्तुओं का भंडार करने से मनाही है जिन्हें वे अपनी वेबसाइट पर बेच सकते हैं, जिससे उन्हें केवल विक्रेताओं का बाजार चलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के विक्रेताओं पर बीते हफ्ते छापेमारी के बाद केंद्रीय एजेंसी अब कंपनी के अधिकारियों पर समन जारी करने का विचार कर रही है और फिलहाल छापेमारी के दौरान विक्रेताओं से जब्त किए गए दस्तावेज की समीक्षा कर रही है। मामले में सीधे तौर पर शामिल एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने सोमवार को यह जानकारी दी है।

हालांकि छापेमारी की पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है इसलिए सरकारी सूत्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि तलाशी शनिवार तक चली और इससे यह पता चला कि विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि निदेशालय कम से कम पिछले पांच वर्षों में विक्रेताओं के कारोबारी आंकड़ों और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ उनके लेनदेन की भी जांच करेगा। हालांकि, एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और प्रवर्तन निदेशालय ने इस बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया है।

उल्लेखनीय है कि डेटम इंटेलिजेंस का अनुमान है कि पिछले साल भारतीय ई-कॉमर्स में फ्लिपकार्ट की 32 फीसदी और एमेजॉन की 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी, जो 834 अरब डॉलर के खुदरा क्षेत्र का करीब 8 फीसदी है।

First Published - November 11, 2024 | 9:54 PM IST

संबंधित पोस्ट