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JSW Paints ने $1.4 अरब में किया एक्जोनोबेल इंडिया का अधिग्रहण, पार्थ जिंदल बोले– पेंट बाजार पकड़ होगी मजबूत

जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने एक्जोनोबेल इंडिया का अधिग्रहण कर भारतीय पेंट बाजार में शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल होने की दिशा में बड़ा कदम उठाया और तकनीकी साझेदारी भी सुनिश्चित की।

Last Updated- July 01, 2025 | 10:21 PM IST
Parth Jindal and Greg Poux-Guillaume
जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल और एम्स्टर्डम स्थित एक्जोनोबेल एनवी के सीईओ ग्रेगोइरे पॉक्स-गिलौम

पिछले हफ्ते हुए 1.4 अरब डॉलर के सौदे में जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने एक्जोनोबेल इंडिया का अधिग्रहण किया, जो भारत के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी पेंट बाजार में तीन अग्रणी कंपनियों में से एक बनने की इसकी महत्वाकांक्षा में एक बड़ा कदम है। शार्लीन डिसूजा और देव चटर्जी को दिए साक्षात्कार में जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल और एम्स्टर्डम स्थित एक्जोनोबेल एनवी के सीईओ ग्रेगोइरे पॉक्स-गिलौम ने दोनों कंपनियों के लिए रणनीतिक औचित्य, संभावित तालमेल और आगे की राह पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य अंश …

एक्जोनोबेल इंडिया के अधिग्रहण को लेकर जेएसडब्ल्यू पेंट्स इतनी उत्साहित किस वजह से हुई?

पार्थ जिंदल : हमने 2019 में जेएसडब्ल्यू पेंट्स लॉन्च किया और 2025 में 2,200 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व अर्जित किया। जब सितंबर 2024 में एक्जोनोबेल ने अपनी वैश्विक रणनीतिक समीक्षा की घोषणा की तो हमें एक महत्वपूर्ण अवसर दिखाई दिया। हमने जेएसडब्ल्यू पेंट्स और एक्जोनोबेल इंडिया के बीच तालमेल का बारीकी से अध्ययन किया और पाया कि दोनों में काफी समानताएं हैं- ख़ास तौर पर प्रीमियम डेकोरेटिव सेगमेंट में ड्यूलक्स की खासी मौजूदगी और ऑटो रीफिनिश और मरीन जैसे औद्योगिक कोटिंग्स में एक्जोनोबल की अगुआई।

हम अपने प्रीमियम पेंट्स पोर्टफोलियो को बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा कंपनियां अच्छी तरह से स्थापित हैं पर ड्यूलक्स सबसे मजबूत ब्रांड में से एक है। औद्योगिक क्षेत्र में हमें ऑटो रिफिनिशिंग और सुरक्षात्मक कोटिंग्स जैसे क्षेत्रों में कुछ सफलता मिली है, लेकिन दो शताब्दियों में निर्मित एक्जोनोबेल एनवी की तकनीकी विशेषज्ञता इसे एक स्पष्ट बढ़त देती है, जिसे दोहराना मुश्किल है। भारतीय पेंट उद्योग में शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिए यह अधिग्रहण एक बार मिलने वाला मौका था। मैंने इसे संभव बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया और मैं आभारी हूं कि मेरे पिता (सज्जन जिंदल) ने इस नजरिये का  समर्थन किया।

क्या अधिग्रहण के बाद जेएसडब्ल्यू पेंट्स और एक्जोनोबेल इंडिया का विलय होगा?

पार्थ जिंदल : ऐसा होना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन स्वाभाविक है कि यह किसी समय होगा। तालमेल को अनलॉक करने के लिए उन्हें अभी अलग रखना समझदारी है। जेएसडब्ल्यू पेंट्स का एक्जोनोबेल इंडिया इकाई में रिवर्स मर्जर स्वाभाविक है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कम से कम तीन से चार साल तक होगा।

इस सौदे में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की क्या व्यवस्था है और जेएसडब्ल्यू पेंट्स प्रौद्योगिकी के लिए कितना भुगतान करेगी?

पार्थ जिंदल : औद्योगिक कोटिंग्स कारोबार के लिए एक्जोनोबेल एनवी हमारा दीर्घकालिक प्रौद्योगिकी भागीदार बना रहेगा। भविष्य में हम जिस भी नए औद्योगिक क्षेत्रों में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए हम एक्जोनोबेल की वैश्विक टीम के साथ चर्चा करेंगे ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या इसी तरह की प्रौद्योगिकी व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है या उस विशेष क्षेत्र के लिए कोई अलग मॉडल लागू होगा। 

डेकोरेटिव में भारतीय सूचीबद्ध इकाई ने पहले ही बौद्धिक संपदा (आईपी) हासिल कर ली है और अब वह पूरी तरह से प्रौद्योगिकी की मालिक है। एक बार जब हम अधिग्रहण पूरा कर लेंगे तो वह प्रौद्योगिकी हमारी हो जाएगी। इसका मतलब यह भी है कि अब डेकोरेटिव रॉयल्टी लागू नहीं होगी। हालांकि औद्योगिक क्षेत्र में एक्जोनोबेल प्रौद्योगिकी सहायता देना जारी रखेगी और रॉयल्टी भुगतान जारी रहेगा। हालांकि इसमें पाउडर कोटिंग्स शामिल नहीं होगा, जिसे एक्जोनोबेल वैश्विक स्तर पर बनाए रखेगी। हम एक्जोनोबेल एनवी को बिक्री का 4.5 फीसदी प्रौद्योगिकी शुल्क देंगे।

ऐसे समय में जब सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में प्रवेश कर रही हैं, देश की वृद्धि क्षमता को देखते हुए एक्जोनोबेल एनवी आंशिक रूप से भारतीय बाजार से बाहर क्यों निकल रही है?

ग्रेगोइरे पोक्स-गिलौम: यह एक्जोनोबेल एनवी के लिए भारत से बाहर निकलने जैसा नहीं है। हमने पाउडर कोटिंग्स कारोबार का पूर्ण स्वामित्व प्राप्त करके वास्तव में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और अपने बड़े आरऐंडडी केंद्र को बनाए रखेंगे, जो हमारे वैश्विक संचालन का समर्थन करता है। हम रॉयल्टी समझौते के तहत लिक्विड कोटिंग्स कारोबार के लिए प्रौद्योगिकी प्रदाता के रूप में भी काम करना जारी रखेंगे।

भारत का पेंट बाजार अत्यधिक स्थानीय और प्रतिस्पर्धी है। हमें अहसास हुआ कि जेएसडब्ल्यू समूह जैसे मजबूत स्थानीय कंपनी के साथ साझेदारी करना अकेले आगे बढ़ने की तुलना में कहीं अधिक मूल्य सृजित करेगा। जेएसडब्ल्यू के पास मजबूत वितरण और ब्रांड मौजूदगी है, विशेष रूप से डेकोरेटिव पेंट में, जबकि हम विश्व स्तरीय तकनीक लाते हैं। यह एक पूरक साझेदारी है, जो दोनों पक्षों को विजयी होने की स्थिति में रखती है।

First Published - July 1, 2025 | 10:10 PM IST

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