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Maruti Suzuki: स्टॉक घटाएंगे मारुति के डीलर

इस साल के अंत तक डीलरों के पास महज 10 दिनों की बिक्री के लायक रहेगा स्टॉक

Last Updated- August 27, 2024 | 10:46 PM IST
Maruti Suzuki

यात्री कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी के डीलर आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर फिलहाल करीब 38 दिनों की बिक्री के लिए पर्याप्त स्टॉक रख रहे हैं। मगर कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने आज कहा कि डीलर इस साल के अंत तक अपने स्टॉक को महज 10 दिनों की बिक्री के लिए पर्याप्त वाहन तक घटा सकते हैं।

कंपनी की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए भार्गव ने यह भी कहा कि छोटी कारों- हैचबैक एवं सिडैन- की मांग में मार्च 2026 तक सुधार होने के आसार हैं। भार्गव ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मारुति के डीलरों के पास दो महीने का स्टॉक होने आदि की जो बातें की जा रही हैं, ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं समझता हूं कि हमारा स्टॉक करीब 38 दिनों की बिक्री के लायक है। आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर फिलहाल हमारा स्टॉक थोड़ा ज्यादा है। मगर मुझे बताया गया है कि इस साल के अंत तक डीलरों के पास स्टॉक घटकर महज 10 दिन की बिक्री के लायक रह जाएगा। इसलिए यह कोई खास बात नहीं है।’

घरेलू बाजार में कारों की मांग घटने से पूरे वाहन उद्योग में डीलर स्तर पर स्टॉक बढ़ने लगा है जो चिंता की बात है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) पिछले कुछ महीनों के दौरान वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम को दो बार पत्र लिखकर इसका समाधान करने का आग्रह कर चुका है।

फाडा के अनुसार, उसके सदस्यों के पास फिलहाल 7,30,000 वाहनों का स्टॉक मौजूद है जो दो महीने की बिक्री के लिए पर्याप्त है। दूसरी ओर सायम का कहना है कि डीलरों पास फिलहाल करीब 4,00,000 वाहनों का स्टॉक उपलब्ध है।भार्गव ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि मांग में सुधार होगा। मैं समझता हूं कि देश को छोटी कारों की जरूरत है और हम इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है कि 2025-26 के अंत तक हमें इस श्रेणी की वापसी दिखेगी।’ फाडा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान घरेलू बाजार में करीब 9,20,047 कारों की बिक्री हुई जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले महज 2.53 फीसदी अधिक है।

भार्गव ने कहा कि नए कारखाने को अंतिम रूप देने में कुछ देरी हो रही है जहां सालाना करीब 10 लाख वाहनों का उत्पादन होगा। इलेक्ट्रिक कार के बारे में उन्होंने कहा कि ग्राहकों द्वारा उसे धीरे-धीरे अपनाया जाएगा और इस दौरान हाइब्रिड, सीएनजी, बायोगैस एवं एथनॉल जैसी ग्रीन तकनीक वाले विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

भार्गव ने कहा कि मारुति सुजूकी अगले कुछ महीनों में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार उतारेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी शुरुआती खेप का निर्यात जापान एवं यूरोप को करेगी और उसके बाद भारतीय बाजार में आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बैटरी तकनीक की अधिक लागत है जो कार की कुल लागत का करीब 40 फीसदी है। इसे कम करने की जरूरत है।

First Published - August 27, 2024 | 10:46 PM IST

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