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मंत्रालय ने दिया आदेश- ट्रेनी की भर्ती करें कंपनियां

कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में ‘अप्रेंटिसशिप कानून के अधिकार’ के तहत पहली नौकरी की गारंटी दी है।

Last Updated- March 18, 2024 | 11:22 PM IST
ITI graduates are not getting jobs, there is no match between the syllabus and the need of the industries.

कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय ने देश की करीब 1.8 लाख कंपनियों को निर्धारित कानून के मुताबिक ट्रेनी की नियुक्त करने का निर्देश दिया है। जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि सरकार ने कंपनियों को प्रशिक्षु अधिनियम (अप्रेंटिसशिप एक्ट) के तहत नोटिस जारी किया है।

दरअसल, कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में ‘अप्रेंटिसशिप कानून के अधिकार’ के तहत पहली नौकरी की गारंटी दी है। इसके बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। जानकार व्यक्ति ने बताया, ‘ट्रेनी की संख्या को बढ़ाने के लिए अप्रेंटिसशिप पोर्टल में पंजीकृत करीब 1,80,000 कंपनियों को नोटिस जारी किया गया।

इन कंपनियों को याद दिलाया गया कि इस वित्त वर्ष के अंतिम महीने में उन्हें अपेक्षित ट्रेनी की भर्ती करके अधिनियम के तहत अपना दायित्व पूरा करना चाहिए।’ प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के तहत हर वित्तीय वर्ष में प्रत्येक संस्थान को संविदा कर्मियों सहित अपने कुल कर्मियों के 2.5 से 15 फीसदी के दायरे में ट्रेनी को नियुक्त करना अनिवार्य है।

इनमें से पांच फीसदी ट्रेनी पहली बार नौकरी करने वाले और कोई स्किल प्रमाणपत्र धारक होने चाहिए। अधिनियम की धारा 30 के तहत ट्रेनी की संख्या कम होने पर पहले तीन महीने में प्रति प्रशिक्षु 500 रुपये का दंड लगाया जाएगा और इसके बाद संबंधित संख्या पूरी नहीं होने की स्थिति में 1,000 रुपये प्रति माह का दंड लगाया जाएगा। सूत्र ने बताया, कि जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है उनमें से करीब 20,000 ने ही इस अधिनियम का पूरी तरह पालन किया है। इनमें से 44,000 के करीब संस्थानों ने कुछ हद तक पालन किया है।

First Published - March 18, 2024 | 11:22 PM IST

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