facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

प्रमाणीकरण की समस्या का हल चाहते हैं आर्गेनिक कपड़े के दिग्गज

सरकार भी आर्गेनिक सूत के क्षेत्र में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को दुरुस्त करना चाहती है और इस क्षेत्र पर 50,000- 60,000 किसान आश्रित हैं

Last Updated- March 27, 2023 | 7:49 PM IST
Organic textile players seek end to certification woes

इंटरनैशनल आर्गेनिक एक्रेडेशन सर्विस (IOAS) ने कंट्रोल यूनियन (CU) इंडिया के आर्गेनिक कपड़े के उत्पादों के परीक्षण व सैम्पल निलंबित कर दिए हैं। इससे इस उद्योग के समक्ष समस्याएं खड़ी हो गई हैं। इसलिए विशेषज्ञों और उद्योग के दिग्गजों ने आर्गेनिक कपास की तरह आर्गेनिक कपड़े के लिए सरकार विनियमित प्रमाणन प्रक्रिया की आवाज उठाई है।

स्वतंत्र तृतीय पक्ष मान्यता निकाय आईओएएस ने ग्लोबल आर्गेनिक टेक्सटाइल स्टैंडर्ड (GOTS) प्रमाणीकरण से 3 मार्च को कंट्रोल यूनियन (इंडिया) की मान्यता को निलंबित कर दिया था। इस निलंबन का कारण GOTS के चुनिंदा लागू जरूरतों का पालन नहीं करना था।

CU India भारत के आर्गेनिक कपड़े की 75 फीसदी मात्रा की देखभाल करती है। ऐसे में CU India के निलंबन से आर्गेनिक कपड़े के पूरे सेगमेंट की सप्लाई चेन पर असर पड़ने की उम्मीद है। इस निलंबन के कारण कताई मिलों को CU India से प्रमाणीकृत यार्न 3 मार्च से पहले बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है और उन्हें यह बिक्री लेन-देन के प्रमाणपत्र के बिना करनी पड़ रही है।

इस कारोबार की नीति के विशेषज्ञ एस. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘आर्गेनिक कपास के क्षेत्र में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Apeda) निरीक्षण एजेंसी के रूप में कार्य करती है। लेकिन गिनिंग, कताई और यार्निंग के क्षेत्र में कोई सरकारी एजेंसी शामिल नहीं है। इन क्षेत्रों में प्रमाणीकरण जीओटीएस और निजी प्रयोगशालाएं करती हैं। इसलिए उद्योग आर्गेनिक कपास की पूरी मूल्यवर्धन श्रृंखला पर सरकारी निगरानी या प्रमाणीकरण चाहती है।’

सूत्रों के मुताबिक सरकार भी आर्गेनिक सूत के क्षेत्र में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को दुरुस्त करना चाहती है। इस क्षेत्र पर 50,000- 60,000 किसान आश्रित हैं। इसके अलावा उद्योग की मांग यह है कि सरकार आर्गेनिक कपड़े के मानदंडों को अधिसूचित करने के अलावा किसानों के लिए आर्गेनिक आधार लागू करे।

कताई मिलों की मांग के मद्देनजर एजेंसियों ने आश्वासन दिया है कि 3 मार्च से पहले जारी प्रमाणपत्र वैध रहेंगे। लेकिन कताई मिलों की चिंताएं बरकरार हैं।

तमिलनाडु स्पनिंग मिल्स एसोसिएशन (TASMA) के मुख्य सलाहकार के. वेंकटचलम ने कहा, ‘‘हम कंट्रोल यूनियन द्वारा प्रमाणीकृत कपास के यार्न से बने उत्पाद बना रहे हैं। हम ऐसे उत्पादों को विनिमय करेंगे। हम इस मामले में समस्या का सामना कर रहे हैं। हम इस नामंजूरी के साथ यार्न बेच रहे हैं कि CU India ने इस कपास को प्रमाणीकृत किया है।’’

First Published - March 27, 2023 | 7:49 PM IST

संबंधित पोस्ट