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देश में मोबाइल बनाने की संभावना देखेंगे पिचाई!

Last Updated- December 14, 2022 | 11:04 PM IST
Google CEO Sundar Pichai

तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल इंक के मुख्य कार्या​धिकारी सुंदर पिचाई 19 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। इस दौरान वह वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें पिक्सल ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले मोबाइल फोन की देश में असेंबलिंग करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। पिचाई के भारत दौरे के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हम कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलेंगे। हम भारत में गूगल के हैंडसेट वि​निर्माण करने, ऐप डेवलपर पारि​स्थितिकी तंत्र विकसित करने, साइबर सुरक्षा तथा भारतीय भाषाओं के उपयोग आदि पर चर्चा करेंगे।’

बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी के लिए गूगल इंडिया को ईमेल भेजा गया लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। हालांकि सूत्रों ने कहा कि पिचाई सरकार के साथ बातचीत के दौरान अपनी प्लेस्टोर नीति के संबंध में वर्चस्व का दुरुपयोग करने के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए विभिन्न जुर्माने के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। माना जाता है कि इस बात को लेकर चिंता जताई गई थी कि सीसीआई के आदेश से गंभीर सुरक्षा मुद्दे पैदा हो सकते हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार गूगल दक्षिण चीन में फॉक्सकॉन की इकाई में बनाए जा रहे अपने नवीनतम पिक्सल 7 मोबाइल फोन के आधे उत्पादन को वियतनाम ले जाने की योजना बना रही है। ऐसे में वैष्णव के साथ पिचाई की बातचीत अहम हो सकती है क्योंकि सरकार वैश्विक कंपनियों को दुनिया भर के बाजारों के लिए अपने उत्पादन के कुछ हिस्से को ‘चीन प्लस वन स्ट्रैटजी के तहत’ भारत लाने पर जोर दे रही है।

अगर यह बातचीत सफल रही तो गूगल भारत को निर्यात केंद्रित विनिर्माण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने वाली तीसरी मोबाइल उपकरण विनिर्माता होगी। इस क्षेत्र में अन्य बड़ी कंपनियों में ऐपल इंक शामिल है, जिसने इस साल अप्रैल-दिसंबर के बीच 20,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया है जबकि सैमसंग इंडिया भी देश में विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है। ऐपल और सैमसंग उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं। सैमसंग ने हाल ही में चीनी कंपनियों को भी कड़ी चुनौती दी है जिन्होंने घरेलू बाजार पर एक तरह से कब्जा जमा लिया है और अब अपने निर्यात को बढ़ावा दे रही है।

पिचाई की भारत यात्रा से पहले गूगल के कुछ शीर्ष अधिकारी भारत के दौरे पर आए थे और सरकारी अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। इन अधिकारियों में लोक नीति के उपाध्यक्ष विल्सन व्हाइट और गूगल इंक में नीति के वैश्विक प्रमुख करण भाटिया शामिल थे। वर्ष 2020 में गूगल ने भारत में 10 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था।
पिचाई का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब सीसीआई ने गूगल पर प्लेस्टोर की नीति के जरिये अपने वर्चस्व के कथित दुरुपयोग के लिए 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। गूगल प्लेस्टोर ऐंड्रॉयड पारिस्थितिकी तंत्र को लक्षित करने वाले ऐप डेवलपरों द्वारा उपयोग किया जाने वाला मुख्य वितरण चैनल है। सीसीआई के आदेश में कहा गया है कि प्लेस्टोर की पहुंच के लिए गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का अनिवार्य उपयोग का नियम ऐप डेवलपरों पर अनुचित शर्त थोपने जैसा है।

यह भी पढ़े: एयरटेल की 5G सेवा लखनऊ के कुछ क्षेत्रों में शुरू

सीसीआई ने इससे पहले विभिन्न क्षेत्रों में वर्चस्व का दुरुपयोग करने के मामले में भी गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। उम्मीद है कि कंपनी जल्द ही सीसीआई के आदेश को सक्षम प्राधिकरण में चुनौती दे सकती है। मोबाइल उपकरण के क्षेत्र में गूगल की हिस्सेदारी काफी कम है और यह वैश्विक स्मार्ट फोन बाजार की शीर्ष पांच कंपनियों के आस-पास भी नहीं है। विशेषज्ञों के विभिन्न अनुमानों के अनुसार कंपनी ने छह साल के दौरान दुनिया भर में 3 करोड़ से भी कम मोबाइल फोन की बिक्री की है। कैनालिस के अनुसार उत्तर अमेरिका के मोबाइल हैंडसेट बाजार में 2022 की दूसरी तिमाही में इसकी हिस्सेदारी केवल 2 फीसदी थी।

हालांकि गूगल ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 4.5 अरब डॉलर के निवेश से 7.73 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इसके अलावा उसने रिलायंस जियो के साथ किफायती 4जी स्मार्टफोन बनाने के लिए गठजोड़ भी किया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में इस हैंडसेट को ज्यादा तवज्जो नहीं मिली। इसी तरह का करार 5जी फोन बनाने के लिए भी किया गया है, जिसे जल्द उतारा जा सकता है। रिलायंस जियो ने अक्टूबर से 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

First Published - December 14, 2022 | 11:04 PM IST

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