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एग्रीकल्चर, इकनॉमिक गतिविधियों में तेजी से अप्रैल में पेट्रोल, डीजल की मांग बढ़ी

Last Updated- May 01, 2023 | 3:52 PM IST
OMC के शेयरों में और बढ़त की गुंजाइश, Scope for further growth in OMC shares
Shutterstock

Petrol-diesel: रबी फसलों की कटाई का समय होने और इकनॉमिक गतिविधियों में उछाल से अप्रैल में डीजल की मांग बढ़ने से ईंधन की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

पेट्रोलियम उद्योग के सोमवार को जारी शुरुआती मासिक आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में डीजल की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 71.5 लाख टन रही। इस तरह देश भर में कुल ईंधन खपत में डीजल का हिस्सा करीब 40 प्रतिशत रहा।

मासिक आधार पर ईंधन बिक्री में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। मार्च में मौसमी सुस्ती होने से डीजल की खपत 68.3 लाख टन रही थी। वहीं अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर करीब 2.5 प्रतिशत बढ़कर 26.4 लाख टन हो गई। लेकिन फरवरी की तुलना में मासिक आधार पर पेट्रोल की बिक्री में 0.5 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई।

दरअसल, मार्च के दूसरे पखवाड़े से ही औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से पेट्रोल और डीजल की मांग में तेजी देखने को मिल रही है।

विमानन क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के समय लगी सभी बंदिशें खत्म होने का असर देश के कुल यात्री आवागमन पर देखा जा रहा है और हवाई यात्रियों की संख्या अब महामारी-पूर्व के स्तर के करीब पहुंच चुकी है। विमान ईंधन ATF की मांग अप्रैल, 2022 की तुलना में 15.4 प्रतिशत बढ़कर 5.95 लाख टन पर पहुंच गई।

उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि अप्रैल में रबी मौसम की फसलों की कटाई और अर्थव्यवस्था में सुधार से पेट्रोल और डीजल की मांग में बढ़ोतरी हुई है।

औद्योगिक गतिविधियों बढ़ने से भी देश की ईंधन की मांग बढ़ रही है। रसोई गैस एलपीजी की बिक्री अप्रैल में साल भर पहले की तुलना में 2.7 प्रतिशत घटकर 21.9 लाख टन पर आ गई। वहीं फरवरी की तुलना में एलपीजी की खपत 8.1 प्रतिशत गिरी है।

First Published - May 1, 2023 | 3:52 PM IST

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