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Affordable housing: प्रमुख 6 शहरों में किफायती मकानों की सप्लाई घटी

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के छह प्रमुख शहरों में किफायती मकानों की आपूर्ति साल 2022 की तुलना में कम हो रही है

Last Updated- October 08, 2024 | 10:40 PM IST
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\देश के प्रमुख छह शहरों में 40 लाख रुपये से कम कीमत वाले किफायती मकानों की आपूर्ति साल 2022 की कुल एक-चौथाई की तुलना में घटकर इस साल करीब 13 प्रतिशत रह गई है। रियल एस्टेट क्षेत्र की उन कंपनियों ने यह जानकारी दी है जिन्हें लागत की वजह से ऐसी परियोजनाएं अव्यावहारिक लग रही हैं।

कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), बेंगलूरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में पेश किए गए सभी नए मकानों में किफायती मकानों का हिस्सा 25.44 प्रतिशत रहा। एनारॉक रिसर्च के अनुसार साल 2024 की पहली तिमाही में यह हिस्सा घटकर 18.03 प्रतिशत और फिर साल 2024 तीसरी तिमाही में 13.24 प्रतिशत रह गया। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आपूर्ति में सुधार हुआ है।

साल 2022 के पहले नौ महीने के दौरान सभी नई पेशकशों में से औसतन 21.06 प्रतिशत किफायती श्रेणी में थी। साल 2023 में इसी अवधि में यह हिस्सा गिरकर 18.42 प्रतिशत और बाद में साल 2024 में 16.70 प्रतिशत रह गया।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि चूंकि वैश्विक महामारी के बाद आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में जोरदार इजाफा हुआ है। इसलिए कई क्षेत्रों में मांग आपूर्ति से आगे निकल गई है। यह रुझान दिल्ली एनसीआर में साफ दिखता है, विशेष रूप से गुरुग्राम में और इसकी वजह से जमीन की कीमतों में खासी वृद्धि हुई है। साथ ही निर्माण लागत में भी तेजी से इजाफा हुआ है।

उन्होंने कहा कि इन दो कारणों ने किफायती मकानों को आर्थिक रूप से अव्यावहारिक बना दिया है। इस वजह से डेवलपर ऐसी परियोजनाओं पर धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी मिड-प्रीमियम और प्रीमियम श्रेणी में अवसर तलाश रही है।

एनसीआर में किफायती आवास की आपूर्ति कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तीन तिमाहियों में 9,620 थी जो साल 2024 में इसी अवधि में घटकर 2,720 रह गई और इसमें करीब 72 प्रतिशत की गिरावट आई। एलऐंडटी रियल्टी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अनुपम कुमार ने कहा, ‘हम किफायती आवास श्रेणी में न आने के लिए सावधानी बरत रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता प्रीमियम और महंगे मकानों की श्रेणी के लिए है।

हमारी योजना हर साल करीब 2.5 से-तीन करोड़ वर्ग फुट जोड़ने और विकास करने की है जिससे सालाना 30,000 करोड़ रुपये से 40,000 करोड़ रुपये की प्री-सेल हो सकती है। हमारा एक प्रयास परिवहन के बुनियादी ढांचा केंद्रों के करीब परियोजनाओं को विकसित करना रहा है ताकि ग्राहकों के पास आवागमन का अच्छा विकल्प हो।’

एमएमआर में किफायती मकानों की पेशकश साल 2022 की पहली तीन तिमाहियों में करीब 21,542 घरों की तुलना में इस वर्ष इसी अवधि में बढ़कर 36,100 हो गई। कुल नई आपूर्ति में से किफायती मकानों की पेशकश साल 2022 की पहली तीन तिमाहियों में करीब 24 प्रतिशत थी जो साल 2024 में बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई।

First Published - October 8, 2024 | 10:40 PM IST

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