किराये के मकान रहने वालों के लिए खुशखबरी है। अब उनको किराये में भारी बढ़ोतरी की मार नहीं झेलनी पड़ेगी। इस साल की दूसरी तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में मकान के किराये में कम वृद्धि हुई है, जबकि बीते सालों में दूसरी तिमाही में सबसे अधिक किराया बढ़ता रहा है। इस साल किराये में कम बढ़ोतरी की वजह मकानों की आपूर्ति अधिक होने की संभावना को माना जा रहा है।
कितना कम हुआ किराया?
2024 की दूसरी तिमाही में मकान के किराये में वृद्धि दर पहले से सुस्त पड़ गई है। संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक समूह के अनुसार 2024 की दूसरी तिमाही में देश के 7 प्रमुख शहरों में मकानों के किराये में अब तक 2 से 4 फीसदी ही वृद्धि हुई है, जबकि पहली तिमाही में 2023 की चौथी तिमाही की तुलना में मकान के किराये में 4 से 9 फीसदी इजाफा हुआ था।
दूसरी तिमाही में अब तक सबसे कम किराया दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के द्वारका और सोहना में क्रमश: 2 व 3 फीसदी बढ़ा है। पहली तिमाही में इन दोनों जगह क्रमश: 4 व 6 फीसदी किराया बढ़ा था। नोएडा के सेक्टर 150 में किराया 4 फीसदी बढ़ा। 2024 की पहली तिमाही में इससे पहले वाली तिमाही की तुलना में किराया 9 फीसदी बढ़ा था।
बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड में 1,000 वर्ग फीट के मानक 2 BHK के औसत किराए में 4 फीसदी वृद्धि हुई है, जबकि 2024 की पहली तिमाही में 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले किराया 8 फीसदी बढ़ा था।
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के प्रमुख बाजारों चेंबूर और मुलुंड में इस साल की दूसरी तिमाही में पहली तिमाही के मुकाबले किराये में 2 फीसदी बढ़ोतरी हुई। पहली तिमाही में किराये में 4 फीसदी इजाफा हुआ था। हैदराबाद हाईटेक सिटी और गाचीबोवली में दूसरी तिमाही में किराए में औसत वृद्धि 3 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में किराया 5 फीसदी बढ़ा था।
प्रमुख शहरों में मकान का औसत किराया रुपये प्रति महीना में
शहर
|
माइक्रो मार्केट |
2023-end |
Q1 2024 |
Q2 2024 |
| बेंगलुरु |
Sarjapur Rd |
31,600 |
34,000 |
35,000 |
|
Whitefield |
30,200 |
32,500 |
33,700 |
|
| हैदराबाद |
HITECH City |
31,000 |
32,500 |
33,500 |
|
Gachibowli |
30,500 |
32,000 |
33,000 |
|
| पुणे |
Hinjewadi |
25,600 |
26,500 |
27,000 |
|
Wagholi |
20,600 |
22,000 |
22,700 |
|
| दिल्ली-एनसीआर |
Sohna Road |
32,700 |
34,000 |
35,000 |
|
Sector-150 (Noida) |
22,000 |
24,000 |
25,000 |
|
|
Dwarka |
25,800 |
27,400 |
28,000 |
|
| एमएमआर |
Chembur |
60,000 |
62,500 |
63,500 |
|
Mulund |
46,500 |
48,500 |
49,700 |
|
| कोलकाता |
EM Bypass |
25,600 |
27,000 |
27,800 |
|
Rajarhat |
18,500 |
19,000 |
19,500 |
|
| चेन्नई |
Perambur |
20,200 |
21,000 |
21,600 |
|
Pallavaram |
19,500 |
20,300 |
20,800 |
किराये में कम बढ़ोतरी की क्या रही वजह?
एनारॉक समूह के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार कहते हैं कि भारत में दूसरी तिमाही में किराया अन्य तिमाहियों की तुलना में ज्यादा बढ़ता है। क्योंकि इस समय नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत होती है और नए कर्मचारियों को काम पर रखा जाता है। लेकिन इस साल किराये में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह इस साल नये मकानों की आपूर्ति ज्यादा होना है।
एनारॉक के मुताबिक देश के 7 प्रमुख शहरों में इस साल 5.31 नये मकानों की आपूर्ति होने की संभावना है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 4.35 लाख था। इन प्रमुख शहरों में एमएमआर में इस साल सबसे अधिक 1.60 लाख मकान बनकर तैयार हो सकते हैं, पिछले साल यह आंकड़ा 1.43 लाख था।
एनसीआर में इस साल पिछले साल के 1.14 लाख मकानों की तुलना में 1.44 लाख मकान, पुणे में पिछले साल 65 हजार की तुलना में 97 हजार मकान बनकर डिलीवर हो सकते हैं।
सबसे अधिक किराये में वृद्धि वाले बेंगलूरु में इस साल मकानों की आपूर्ति पिछले साल के 52,565 मकान से थोड़ी कम 51,685 मकान रह सकती है। कोलकाता में इस साल मकानों की आपूर्ति पिछले साल के 25,075 से बढ़कर 25,220 और चेन्नई में इस दौरान मकानों की आपूर्ति 14,125 से बढ़कर 17,580 होने की संभावना है।
| पूरी हो चुकी/पूरी की जाने वाली यूनिट | ||
| शहर |
साल 2023 |
साल 2024 (EST) |
| बेंगलुरू |
52,565 |
51,685 |
| चेन्नई |
14,125 |
17,580 |
| हैदराबाद |
20,500 |
34,770 |
| कोलकाता |
25,075 |
25,220 |
| एमएमआर |
1,43,500 |
1,60,900 |
| एनसीआर |
1,14,280 |
1,44,315 |
| पुणे |
65,000 |
97,000 |
| टोटल |
4,35,045 |
5,31,470 |