facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

आईबीसी संशोधन: सरकार ने रियल एस्टेट दिवालियापन को लेकर कानून में प्रस्तावित बदलावों की समीक्षा की

Last Updated- April 13, 2023 | 11:21 PM IST
real estate

कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा संसद के मॉनसून सत्र में ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने की संभावना है। रियल एस्टेट दिवालियापन को लेकर कानून में प्रस्तावित बदलावों के संबंध में मंत्रालय रियल एस्टेट नियामक प्रा​धिकरण (रेरा) के साथ बातचीत कर रहा है।

एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ कहा, ‘हम यह सुनि​श्चित करना चाहेंगे कि कानून का गलत इस्तेमाल न हो।’

एमसीए ने प्रस्ताव रखा है कि यदि दिवालिया प्रक्रिया किसी रियल एस्टेट परियोजना के प्रवर्तक के ​खिलाफ शुरू की जाती है तो सीआईआरपी (कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस) प्रावधान उन परियोजनाओं पर ही लागू होंगे जो चूक से जुड़ी रही हों।

मंत्रालय को मौजूदा आईबीसी नियम में बदलाव के संबंध में अपने परामर्श पत्र पर सुझाव मिले हैं और वह अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहा है।

वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘हम अभी भी परामर्श प्रक्रिया में हैं। हमसे व्य​क्तिगत दिवालिया प्रक्रिया के बारे में कहा गया है, लेकिन हम सबसे पहले कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहेंगे।’

अन्य मुख्य बदलावों में से एक प्री-पैकेज्ड इनसॉल्वेंसी योजनाओं से जुड़ा है, जो मौजूदा समय में सिर्फ एमएसएमई के लिए उपलब्ध है। एमसीए ने इस योजना का दायरा एमएसएमई से आगे भी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था और एक ऐसा ढांचा मुहैया कराया जो कॉरपोरेट देनदारों की खास श्रे​​णियों पर लागू होगा।

सरकारी अ​धिकारियों ने संकेत दिया है कि कंपनियों के लिए उस दायरे की जानकारी स्पष्ट की जाएगी जिससे कि वे प्री-पैकेज्ड इनसॉल्वेंसी तक पहुंच बना सकें और इसे बाद में धीरे धीरे बढ़ाया जाएगा। ​अधिकारी ने कहा, ‘इसकी शुरुआत छोटी कंपनियों से की जाएगी। यह एक ऐसा प्रयोग है जिसकी शुरुआत एमएसएमई से की गई थी, लेकिन बहुत कम कंपनियों ने इस प्रक्रिया के तहत आवेदन किए हैं।’

मंत्रालय यह सुनि​श्चित करने के लिए वि​भिन्न कंपनी पंजीयकों (आरओसी) के समक्ष लंबित मामलों को घटाने की दिशा में भी काम कर रहा है कि दो साल से पुराने सभी मामले सुलझाए जा सकें। एमसीए के अनुसार, मौजूदा समय में, 3,000 मामले आरओसी के पास लंबित हैं। इनमें से, उसने इस साल कम से कम 1,000 मामले निपटाने की योजना बनाई है।

First Published - April 13, 2023 | 11:21 PM IST

संबंधित पोस्ट