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NCLT का स्पेज टावर्स के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश, 42 महीने की समयसीमा के भीतर कब्जा नहीं दे पाई कंपनी

एनसीएलटी ने कहा कि कंपनी गुरुग्राम के सेक्टर 78 में स्थित 'स्पेज एरो' परियोजना में फ्लैट का निर्माण पूरा करने और 42 महीने की प्रतिबद्ध समयसीमा के भीतर कब्जा नहीं दे पाई।

Last Updated- October 24, 2024 | 5:29 PM IST
NCLT orders to start insolvency process against Space Towers, company could not give possession within 42 months time limit NCLT का स्पेज टावर्स के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश, 42 महीने की समयसीमा के भीतर कब्जा नहीं दे पाई कंपनी

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बकाया देनदारी में चूक पर रियल एस्टेट कंपनी स्पेज टावर्स के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि कंपनी गुरुग्राम के सेक्टर 78 में स्थित ‘स्पेज एरो’ परियोजना में फ्लैट का निर्माण पूरा करने और 42 महीने की प्रतिबद्ध समयसीमा के भीतर कब्जा नही दे पाई है।

न्यायाधिकरण की दिल्ली पीठ ने स्पेज टावर्स के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश देने के साथ कंपनी को चलाने के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त कर दिया है। उसने कंपनी के मौजूदा निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया है।

एनसीएलटी ने स्पेज टावर्स की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि उसने नौ याची आवंटियों का बकाया चुका दिया है लिहाजा उन्हें वित्तीय लेनदार नहीं माना जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा, “जब कोई चूक होती है यानी ऋण बकाया हो जाता है और उसका भुगतान नहीं किया जाता है तो कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होगी।”

एनसीएलटी का यह आदेश 37 याचिकाकर्ताओं की तरफ से संयुक्त रूप से दायर एक याचिका पर आया है। इसमें कहा गया था कि परियोजना ‘स्पेज एरो’ में उनकी संबंधित इकाइयों की खरीद पर कंपनी ने कुल 23.37 करोड़ रुपये की चूक की है। यह वाणिज्यिक परियोजना 2012 में शुरू हुई थी जिसमें खुदरा दुकानों, शोरूम, रेस्तरां, कार्यालयों और सर्विस्ड अपार्टमेंट का वादा किया गया था।

इसके पहले भी स्पेज टावर्स को दिवाला कार्यवाही का सामना करना पड़ा था। अक्टूबर, 2021 में कंपनी की ‘स्पेज कॉरपोरेट पार्क’ परियोजना में भी समाधान पेशेवर नियुक्त किया गया था। हालांकि कंपनी ने उच्चतम न्यायालय को सभी दावों का खुलासा किए बगैर दावों का निपटारा कर दिया और दिवाला प्रक्रिया रोक दी गई।

First Published - October 24, 2024 | 5:29 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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