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पहली तिमाही में FMCG कंपनियों की राजस्व वृद्धि कम रहने के आसार

ग्रामीण क्षेत्रों के संबंध में एफएमसीजी कंपनियों का तिमाही पूर्व विश्लेषण मिला-जुला रहा है।

Last Updated- July 11, 2023 | 9:55 PM IST
FMCG

जिंस (Commodity Prices) के दाम भले ही अपने शीर्ष स्तर पर आ चुके हैं, लेकिन दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं वाली कंपनियों (FMCG कंपनियों) में ऐसे समय में कम राजस्व वृद्धि दिखने के आसार हैं, जब उन्होंने अप्रैल-जून तिमाही में उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दामों में कटौती का सहारा लिया है।वॉल्यूम में इजाफा स्थिर रहने की उम्मीद है क्योंकि इस तिमाही में कुछ कंपनियों के मामले में ग्रामीण मांग पर दबाव बना रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों के संबंध में एफएमसीजी कंपनियों का तिमाही पूर्व विश्लेषण मिला-जुला रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तिमाही में उन्हें स्थिर मांग देखने को मिली है।

डाबर इंडिया (Dabur India) ने अपनी सूचना में कहा है कि शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों के रुझानों में सुधार के संकेत दिखे हैं। उसने कहा है कि इस सकारात्मक विकास में योगदान करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है मुद्रास्फीति में कमी।

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) ने भी अपनी सूचना में कहा है कि भारत में उसकी कुल उपभोक्ता मांग स्थिर रही, जैसा कि पिछली कुछ तिमाहियों में देखा गया है। कंपनी ने कहा ‘हमारे ऑर्गेनिक कारोबार ने दो अंक की मात्रात्मक वृद्धि के साथ जोरदार प्रदर्शन किया है।

अलबत्ता मैरिको ने कहा कि तिमाही के दौरान इस क्षेत्र में मांग का रुझान स्थिर रहा, हालांकि पिछली तिमाही के आधार पर सुधार के संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। उसने यह भी कहा कि ग्रामीण मांग छलावा बनी हुई है।

ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद को मिल रहा है बल 

मैरिको ने अपनी सूचना में कहा है कि मुद्रास्फीति में नरमी, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, तरलता के दबाव में कमी और लगभग सामान्य मॉनसून के पूर्वानुमान से साल के दौरान ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद को बल मिल रहा है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने एफएमसीजी कंपनियों के संबंध में अपने समीक्षा नोट में कहा है कि उसे कुल वॉल्यूम में पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।

ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनियों ने कुछ श्रेणियों में जिंस की कम कीमतों का लाभ दिया है, जिसके परिणामस्वरूप कुल राजस्व वृद्धि चौथी तिमाही की 11 प्रतिशत से कुछ कम होकर वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 8.5 प्रतिशत रह जाएगी।

कोटक सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा कि इस तिमाही में ग्रामीण मांग नरम रही है और उसे उम्मीद है कि कमजोर ग्रामीण आधार की वजह से शहरी और ग्रामीण वृद्धि के बीच का अंतर कम हो जाएगा।

नोमुरा ने इस क्षेत्र के संबंध में अपने समीक्षा नोट में कहा कि मुख्य जिंसों के भीतर हम उम्मीद करते हैं कि खाद्य श्रेणियों की मांग में उछाल रहेगी तथा होमकेयर, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों के मामले में पिछली तिमाही की तुलना में सुधार होगा। हालांकि जूस, ठंडक पहुंचाने केश तेल और आइसक्रीम जैसी ग्रीष्मकालीन उत्पादों की कुछ श्रेणियां बेमौसम बारिश से प्रभावित हुईं हैं और तिमाही के दौरान कम वृद्धि/गिरावट दर्ज कर सकती हैं।

इसमें यह भी कहा गया है कि उम्मीद है कि मुख्य जिंसों की अधिकांश कंपनियां वॉल्यूम में पिछले साल के मुकाबले निम्न से मध्य स्तर पर एक अंक की वृद्धि दर्ज करेंगी। वैकल्पिक मांग के संबंध में प्रभुदास लीलाधर ने कहा कि यह कमजोर बनी हुई है क्योंकि ग्राहकों ने सभी श्रेणियों में खरीदारी रोक रखी है।

First Published - July 11, 2023 | 9:55 PM IST

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