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निफ्टी-50 में शामिल 18 कंपनियों के अनुमान से कम रहे दूसरी तिमाही के नतीजे

निफ्टी-50 कंपनियों में से 9 कंपनियों ने उम्मीद से कम लाभ दर्ज किया है, 10 कंपनियों ने पूर्वानुमानों से ज्यादा अच्छा किया है और 15 कंपनियों के नतीजे अनुमानों के अनुरूप थे।

Last Updated- November 04, 2024 | 10:11 PM IST
Nifty50

निफ्टी-50 सूचकांक में शामिल करीब 18 कंपनियों का प्रदर्शन इस साल सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान अनुमान से कम रहा है जबकि 15 कंपनियों ने विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर तिमाही के परिणामों के आधार पर विश्लेषकों ने 19 कंपनियों को अपग्रेड और 14 कंपनियों को डाउनग्रेड किया है। चूंकि बजाज फिनसर्व के मामले में राजस्व और लाभ दोनों ही मापदंडों के संबंध में कोई कवरेज नहीं है, इसलिए इसे इस विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है। निफ्टी-50 की बाकी कंपनियों के परिणामों का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।

ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएसएफ) ने नतीजों के बाद विश्लेषण किया। इसके अनुसार अक्टूबर के आखिर तक परिणामों का ऐलान करने वाली 34 निफ्टी कंपनियों की आय सालाना आधार पर स्थिर रही है जबकि इनमें सालाना आधार पर दो प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान था।

यह स्थिरता मुख्य रूप से आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, भारती एयरटेल, एनटीपीसी और एचडीएफसी बैंक के कारण हुई। दूसरी तरफ बीपीसीएल, जेएसडब्ल्यू स्टील, कोल इंडिया, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट का निफ्टी की आय पर ऋणात्मक असर पड़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी-50 कंपनियों में से 9 कंपनियों ने उम्मीद से कम लाभ दर्ज किया है, 10 कंपनियों ने पूर्वानुमानों से ज्यादा अच्छा किया है और 15 कंपनियों के नतीजे अनुमानों के अनुरूप थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी के 34 शेयरों ने सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की और 1 प्रतिशत एबिटा वृद्धि दर्ज की। कर पूर्व लाभ और करोपरांत लाभ वृद्धि शून्य रही। इसकी तुलना में 5 प्रतिशत बिक्री वृद्धि, 4 प्रतिशत की एबिटा वृद्धि तथा कर पूर्व लाभ और करोपरांत लाभ दोनों में ही 2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान था।

इन कंपनियों में से 10 ने मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों के करोपरांत लाभ के अनुमानों को पार किया जबकि 9पिछड़ गईं। एबिटा के मामले में 8 कंपनियों ने अनुमानों को पार किया जबकि 7 कंपनियां तिमाही के दौरान अनुमानों को पूरा नहीं कर पाईं।

निफ्टी की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजिज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक महिंद्रा, मारुति सुजूकी, एलऐंडटी , सिप्ला, टाटा कंज्यूमर और जेएसडब्ल्यू स्टील ने मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों के लाभ अनुमानों से ज्यादा दर्ज किया। लेकिन बीपीसीएल, कोल इंडिया, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले, कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी और भारती एयरटेल वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में लाभ अनुमानों से चूक गईं।

निफ्टी की 34 कंपनियों के अलावा अक्टूबर के आखिर तक मोतीलाल ओसवाल के कवरेज वाली 166 कंपनियों ने भी सितंबर तिमाही में अपने परिणामों की सूचना दी है।

मोतीलाल ओसवाल के अध्ययन में इन कंपनियों का संयुक्त रूप से अनुमानित करोपरांत लाभ 73 प्रतिशत और निफ्टी-50 कंपनियों का 74 प्रतिशत हिस्सा रहता है। ये कंपनियां देश के 50 प्रतिशत बाजार पूंजीकरण का भी प्रतिनिधित्व करती हैं और निफ्टी सूचकांक में इनका भार 81 प्रतिशत है।

First Published - November 4, 2024 | 9:50 PM IST

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