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डेंगू के खिलाफ बड़ी पहल: सीरम इंस्टीट्यूट और DNDi मिलकर बनाएंगे किफायती मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट और DNDi ने डेंगू के इलाज के लिए सस्ती और प्रभावी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वैक्सीन विकसित करने के लिए साझेदारी की, भारत में तीसरे चरण का ट्रायल शुरू।

Last Updated- June 13, 2025 | 10:21 PM IST
Serum Institute of India
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने आज चिकित्सा अनुसंधान संगठन ड्रग्स फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज इनिशिएटिव (डीएनडीआई) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत डेंगू के उपचार के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वैक्सीन उम्मीदवार के क्लीनिकल विकास में तेजी लाई जाएगी, जो निम्न और मध्य आय वाले देशों में किफायती और सुलभ होगा।

इस सहयोग के अंतर्गत एसआईआई और डीएनडीआई दोनों ही अनुसंधान और विकास, तीसरे चरण वाले क्लीनिकल परीक्षणों तथा जरूरी धन और संसाधन जुटाने के लिए संयुक्त रणनीति के साथ-साथ गतिविधियों तक पहुंच का क्रियान्वयन करने के लिए कार्य योजना विकसित करेंगे। एसआईआई ने कहा कि वह पहले ही प्री-क्लीनिकल अध्ययन और पहले तथा दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण कर चुकी है, जो दिखाते हैं कि उम्मीदवार (पूर्व में वीआईएस513) सुरक्षित और प्रभावी है। वर्तमान में यह लाइसेंस के लिए भारत में तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण का नेतृत्व कर रही है।

एसआईआई और डीएनडीआई अब ब्राजील जैसे डेंगू से प्रभावित अन्य देशों में भी तीसरे चरण के अतिरिक्त परीक्षण करने के लिए मिलकर काम करेंगी। पुणे की कंपनी ने कहा कि क्लीनिकल परीक्षणों को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त परियोजना दल का गठन किया जाएगा, जिसका लक्ष्य भारत और अन्य देशों में डेंगू मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को पंजीकृत करना और व्यवस्था करना है, बशर्ते ये अध्ययन इसकी सुरक्षा और कारगरता की पुष्टि करें।  

First Published - June 13, 2025 | 10:00 PM IST

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