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आईटी सेक्टर में मंदी, मगर ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर 27% ज्यादा भर्तियां करेंगे

विशेषीकृत कौशल की बढ़ती मांग के चलते जीसीसी में तेजी से नौकरियां बढ़ेंगी, जबकि पारंपरिक आईटी कंपनियां सतर्क रुख अपना रही हैं।

Last Updated- March 06, 2025 | 11:11 PM IST
GCC

डोमेन विशेषज्ञों और विशिष्ट कौशल की बढ़ती मांग को देखते हुए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) करीब 27 फीसदी ज्यादा भर्तियां करने की तैयारी में हैं। मगर अनिश्चितता को लेकर पारंपरिक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां सतर्क बनी हुई हैं। मानव संसाधन विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।

जीसीसी भारत में अपना विस्तार कर रहे हैं जिससे शुद्ध नियुक्तियों के मामले वे लगातार दूसरे साल आईटी सेवा कंपनियों को पीछे छोड़ सकते हैं। सलाहकार फर्म जिन्नोव से प्राप्त आंकड़ों का बिज़नेस स्टैंडर्ड ने अध्ययन किया है, जिससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में कुल भर्तियों में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है और मुख्य तौर पर इंजीनियरिंग शोध एवं विकास क्षेत्र में ज्यादा नियुक्तियां होने की उम्मीद है। इंजीनियरिंग शोध एवं विकास को वाहन, एरोस्पेस और बीएफएसआई उद्योग में जीसीसी परिचालन का रीढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र में 31 फीसदी ज्यादा भर्तियां होने की उम्मीद है जबकि इंजीनियरिंग शोध एवं विकास को छोड़कर जीसीसी के अन्य क्षेत्रों में कम भर्तियां होंगी।

अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों और शुल्क की धमकियों से जीसीसी विस्तार की योजना या भर्तियों पर असर पड़ने की आशंका के बारे में पूछने पर जिन्नो में पार्टनर और जीसीसी प्रैक्टिस की प्रमुख नमिता अदावी ने कहा, ‘रिटेल, फार्मा, स्वास्थ्य देखभाल और एरोस्पेस क्षेत्र में भर्तियों में कोई कमी नहीं आएगी।’

विशेषीकृत नियुक्ति फर्म एक्सफेनो के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में कैपेबिलिटी सेंटरों ने करीब 60,000 भर्तियां की थीं जबकि चालू वित्त वर्ष में 1.40 लाख नई नियुक्तियां की हैं। वित्त वर्ष 2026 में 1.80 लाख भर्तियां होने की उम्मीद है और करीब 100 नए जीसीसी भारत में अपना कामकाज शुरू करने वाले हैं। देश में फिलहाल 1,760 जीसीसी हैं।

शीर्ष पांच आईटी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अभी तक करीब 80,000 से 84,000 फ्रेशरों को नियुक्त करने की घोषणा की हैं। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में इन फर्मों में केवल 11,000 लोगों को नियुक्त किया गया है। एक साल पहले आईटी में महज 5,190 शुद्ध भर्तियां हुई थीं। कम मांग, स्वचालन और कोडिंग के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ने से नई भर्तियों में कमी आई है।

आईटी सेवा में ज्यादातर नियुक्तियां शीर्ष चार कंपनियों के साथ-साथ एक्सेंचर और कॉग्निजेंट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा की जाती हैं और उपरोक्त आंकड़े केवल कैंपस नियुक्तियों के हैं। एक्सफेनो में जीसीसी विशेषज्ञ केदार पाठक ने कहा कि राज्यों द्वारों रियायत और प्रोत्साहन बढ़ाने, मूल्य श्रृंखला में कुशलता की जरूरत और तेल एवं गैस, सेमीकंडक्टर और फार्मा क्षेत्र में नई परियोजनाओं के आने से ये कंपनियां बड़ी संख्या में नई भर्तियां करेंगी।

साइबर सुरक्षा, एआई, डेटा एनालिटिक्स और डेटा गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में डोमेन विशेषज्ञों की मांग बहुत अधिक है। ग्लोप्लैक्स सॉल्यूशंस के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक अभीक मुखर्जी ने कहा, ‘पुराने कैपेबिलिटी सेंटर मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने से पहले नेट, पायथन और जावा इंजीनियरों की तलाश करते थे। अब वे ऐसी नौकरियां नहीं चाहते क्योंकि उनके ग्राहक उच्च-स्तरीय काम पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसके लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।’

जीसीसी आईटी सेवा फर्मों की तुलना में काफी अधिक वेतन भी देते हैं। टीमलीज डिजिटल में मुख्य कार्याधिकारी नीति शर्मा ने कहा, ‘जीसीसी अक्सर आईटी कंपनियों की तुलना में 20 से 25 फीसदी अधिक भुगतान करते हैं। यही कारण है कि न केवल आईटी से बल्कि बाहर से भी बहुत सारी प्रतिभाओं को काम पर रखा जा रहा है।’

First Published - March 6, 2025 | 11:11 PM IST

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