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विदेशी निवेशकों की स्टार्टअप के मूल्यांकन में कटौती

Last Updated- May 11, 2023 | 11:08 PM IST
Startup valuation cut by foreign investors

कई बड़े भारतीय स्टार्टअप को अब गिरावट का दौर झेलना पड़ सकता है क्योंकि विदेशी निवेशकों ने इन स्टार्टअप का मूल्यांकन कम करना शुरू कर दिया है। विश्लेषकों और निवेशकों का कहना है कि इनके मूल्यांकन में 60 फीसदी तक की कमी आई है। मूल्यांकन में कमी का यह रुझान आगे भी जारी रहने की संभावना है क्योंकि नकदी की कमी के बीच स्टार्टअप के क्षेत्र में सुधार का दौर जारी रहने वाला है।

आयरन पिलर के प्रबंधक साझेदार आनंद प्रसन्ना को उम्मीद है कि निकट भविष्य में मूल्यांकन में सुधार के कई मामले देखने को मिल सकते हैं। वह कहते हैं, ‘हमने बाजार में देखा है कि मूल्यांकन में 50-70 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है।’ स्टार्टअप की दुनिया में, खासतौर पर हाल में अपनी शुरुआत करने वाले स्टार्टअप को विदेशी निवेशकों की तरफ से मूल्यांकन में कटौती का सामना करना पड़ा है।

अमेरिका की निवेश कंपनी इन्वेस्को ऑनलाइन फूड डिलिवरी मंच स्विगी की फंडिंग करने वाली प्रमुख कंपनी है। इसने दूसरी बार 8 मई को फूड एग्रीगेटर कंपनी स्विगी का मूल्यांकन कम करके 5.5 अरब डॉलर कर दिया। इससे पहले इसने अक्टूबर में इसका मूल्यांकन कम करके 8 अरब डॉलर कर दिया था। यह संशोधित आंकड़ा 31 जनवरी 2023 तक 10.7 अरब डॉलर के मूल्यांकन से लगभग 49 फीसदी तक कम है जिसे इन्वेस्को ने पहले स्टार्टअप को दिया था।

गुरुग्राम की प्रतिस्पर्द्धी कंपनी जोमैटो का बाजार पूंजीकरण भी पिछले 12 महीने में कम होकर 40 फीसदी तक हो गया है। इस साल 31 मार्च तक जोमैटो का बाजार पूंजीकरण करीब 5.2 अरब डॉलर तक था। यह रुझान केवल फूड एग्रीगेटर तक ही सीमित नहीं है।

अमेरिका की परिसंपत्ति प्रबंधक कंपनी ब्लैकरॉक ने हाल ही में शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) कंपनी बैजूस के मूल्यांकन में कटौती की है। बैजूस के मूल्यांकन में लगभग आधी कटौती की गई है और इसका मूल्यांकन 22 अरब डॉलर से कम होकर 11.5 अरब डॉलर रह गया है। पिछले साल होटल, ट्रैवल टेक कंपनी ओयो को समर्थन देने वाले सॉफ्टबैंक ने कंपनी के मूल्यांकन में 20 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 2.7 अरब डॉलर तक कर दिया।
गिरावट का दौर जारी

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महामारी के दौरान निवेश का दौर जारी था जब स्टार्टअप ने बढ़े-चढ़े मूल्यांकन के आधार पर काफी फंड हासिल कर लिए। लेकिन अब निवेशकों ने पैसे खर्च करने में सावधानी बरतनी शुरू कर दी है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि नई कंपनियां अच्छे मार्जिन दर्ज कर सकती हैं। एक मार्केट इंटेलीजेंस मंच ट्रैक्सन के डेटा के मुताबिक वर्ष 2021 में 3,123 सौदे में 44.3 अरब डॉलर तक की फंडिंग मिली।

वर्ष 2022 में 2,462 सौदे की सालाना फंडिंग में 39 फीसदी तक की कमी आई और यह 27.1 अरब डॉलर रह गया। इस साल स्टार्टअप ने सामूहिक तौर पर अब तक 4.1 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। ओरिऑस वेंचर्स पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक राजीव सूरी का कहना है, ‘जिन चीजों की रफ्तार ज्यादा होती है उनमें गिरावट का रुझान देखा जाता है। हम बाजार में ऐसा ही रुझान देख रहे हैं।’

ट्रैक्सन की सह संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, निवेशक कंपनियों को समर्थन देने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं जिनका मुनाफे और स्थायीपन को बरकरार रखने की कोई स्पष्ट योजना के बगैर सिर्फ विस्तार पर जोर है। यह रुझान निकट भविष्य में भी जारी रहेगा।

First Published - May 11, 2023 | 11:08 PM IST

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