facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Vodafone Idea: सरकार ने माफ नहीं किया 5 अरब डॉलर का बकाया, सुप्रीम कोर्ट पहुंची कंपनी, CEO ने दी ऑपरेशन बंद होने की चेतावनी

वोडाफोन आइडिया को राहत देने के लिए सरकार ने समय-समय पर उसकी कुछ बकाया राशि को इक्विटी में बदल दिया है और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49% कर दी है।

Last Updated- May 18, 2025 | 5:54 PM IST
Vodafone Idea

आर्थिक संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने केंद्र सरकार के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह फैसला कंपनी की उस मांग को खारिज करने से जुड़ा है जिसमें उसने सरकार से 5 अरब डॉलर से ज्यादा की बकाया रकम माफ करने की अपील की थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी।

रविवार को रॉयटर्स द्वारा देखे गए पत्र के अनुसार, सरकार ने 29 अप्रैल को वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा (Akshaya Moondra) की इस मांग को खारिज कर दिया। कंपनी ने ब्याज और जुर्माने पर राहत मांगी थी, जो कुल 9.76 अरब डॉलर के करीब बकाया है। सरकार ने कहा कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के अस्तित्व पर खतरा है, लेकिन इसके बावजूद राहत नहीं दी जा सकती।

सार्वजनिक हित में हस्तक्षेप की मांग

यूके की वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और भारत के आदित्य बिड़ला ग्रुप की ज्वाइंट वेंचर टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह सरकार को “सार्वजनिक हित” में कदम उठाने का निर्देश दे, क्योंकि मामला “संवेदनशील टेलीकॉम सेक्टर” से जुड़ा है। याचिका की कॉपी सार्वजनिक नहीं की गई है।

वोडाफोन आइडिया और सरकार की ओर से रॉयटर्स को इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

Also read: IMF ने पाकिस्तान को किया आगाह, भारत से तनातनी बना सकती है आर्थिक संकट

आर्थिक संकट से जूझ रही वोडाफोन आइडिया

कंपनी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद से स्पेक्ट्रम और रेवेन्यू शेयरिंग से जुड़ी बकाया रकम चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस फैसले में AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) की परिभाषा को व्यापक कर दिया गया था, जिससे टेलीकॉम कंपनियों पर देनदारियों का बोझ अरबों डॉलर तक बढ़ गया।

वोडाफोन आइडिया को राहत देने के लिए सरकार ने समय-समय पर उसकी कुछ बकाया राशि को इक्विटी में बदल दिया है और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49% कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह सुनवाई की संभावना

रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। अदालत पहले भी कई बार वोडाफोन आइडिया की उन अपीलों को खारिज कर चुकी है, जिनमें बकाया राशि की वसूली से जुड़े अपने पुराने फैसले में बदलाव की मांग की गई थी।

फिलहाल यह साफ नहीं है कि वोडाफोन आइडिया 9.76 अरब डॉलर की कुल देनदारी में से कितनी राहत चाहती है। हालांकि याचिका में कहा गया है कि इसमें से ब्याज और जुर्माने की राशि 5 अरब डॉलर से ज्यादा है।

Also read: FPI का भरोसा बरकरार, मई में भारतीय शेयर बाजार में ₹18,620 करोड़ का किया निवेश

वोडाफोन आइडिया के बंद होने की आशंका

वोडाफोन आइडिया की बड़ी प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) पर भी बकाया है और उसने भी अदालत में इन्हें कई बार चुनौती दी, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। हालांकि, वोडाफोन आइडिया की फाइनेंशियल हेल्थ उससे भी ज्यादा कमजोर है।

कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने 17 अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा, “अगर हमें सहारा नहीं मिला तो स्थिति इतनी बिगड़ जाएगी कि वापसी संभव नहीं होगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि कंपनी वित्त वर्ष 2025-26 के बाद अपना ऑपरेशन जारी नहीं रख पाएगी। मूंदड़ा ने यह भी कहा कि अगर मौजूदा संकट का समाधान नहीं हुआ, तो इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचेगा और वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।

First Published - May 18, 2025 | 5:54 PM IST

संबंधित पोस्ट