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त्योहारी सीजन से पहले छोटे शहरों में पैर पसार रहीं क्विक कॉमर्स कंपनियां, क्या हैं नए अवसर और चुनौतियां

कंपनियां अपने स्टोर घनी आबादी वाले इलाकों में खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, ताकि उनके लिए संचालन प्रक्रिया आसान हो जाए।

Last Updated- September 11, 2024 | 11:06 PM IST
Delivery workers need to organize themselves

इस वर्ष त्योहारी सीजन से पहले देश का क्विक कॉमर्स सेक्टर (मांग पर हाथोहाथ सामान आपूर्ति करने वाली कंपनियां) तेजी से अपने पंख फैला रहा है। महानगरों में अपने पैर जमाने के बाद ये कंपनियां अब अपेक्षाकृत छोटे टीयर-2 शहरों में अपने कारोबार का विस्तार कर रही रही हैं।

पिछले सप्ताह में ही स्विगी की क्विक डिलिवरी सहायक कंपनी इंस्टामार्ट ने छह और नए शहरों में दस्तक दे दी है। इंस्टामार्ट कितनी तेजी से छोटे शहरों में पैर पसार रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते दो महीने में कंपनी ने कानपुर, उदयपुर, भोपाल, वाराणसी, अमृतसर, लुधियाना वारंगल, सेलम, त्रिशूर और मंगलूरु जैसे 11 शहरों में अपना कारोबार शुरू किया है। इस तरह इंस्टामार्ट का कारोबार देश के 43 शहरों तक फैल गया है। जोमैटो की ब्लिंकइट ने भी अपने कारोबार विस्तार का सफर इसी अंदाज में छोटे शहरों तक पूरा किया है। ब्लिंकइट के सीईओ अलबिंदर ढींढसा ने बताया कि पिछले दो सप्ताह में कपंनी ने कोच्चि, बठिंडा, हरिद्वार और विजयवाड़ा में कारोबारी पड़ाव डाल दिया है।

इस बीच मुंबई की जेप्टो ने पिछले एक साल में 1 अरब डॉलर फंड जुटाने के बाद 10 नए शहरों में विस्तार की योजना का ऐलान किया है। कंपनी पहले से ही जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद समेत देश के शीर्ष 10 नगरों में कारोबार कर रही है।

टीयर-2 शहरों में चुनौती

क्विक कॉमर्स कंपनियां जरूर छोटे बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, लेकिन इनके लिए टीयर-2 शहरों में अलग तरह की चुनौतियां हैं। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार क्विक कॉमर्स कंपनियां बहुत कम मार्जिन पर काम करती हैं, क्योंकि अधिक ऑर्डर आने की स्थिति में इन कंपनियों का औसत ऑर्डर वैल्यू (एओवी) ज्यादा हो जाता है, जिससे कम मार्जिन में भी इन्हें अधिक मुनाफा हो जाता है।

अब टीयर-2 शहरों या इससे जुड़े और छोटे बाजारों में मांग कमजोर होने पर इन कंपनियों के समक्ष विस्तार की चुनौती बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए पिछले साल फरवरी में जोमैटो ने 225 छोटे शहरों से बाहर निकलने का ऐलान किया था। इन शहरों से कंपनी को उसके समेकित सकल ऑर्डर मूल्य का मात्र 0.3 प्रतिशत योगदान ही था, लेकिन इन कंपनियों के शीर्ष अधिकारी बताते हैं कि इन नए छोटे बाजारों में मांग के मामले में कोई बाधा नहीं दिखाई दे रही। ये शहर धीरे-धीरे तरक्की कर रहे हैं।

इंस्टामार्ट के हाल ही में नियुक्त किए गए नए सीईओ अमितेश झा कहते हैं, ‘छोटे शहरों-कस्बों से बढ़ती मांग उत्साहजनक तस्वीर पेश करती है। इन छोटे बाजारों में हमारी विस्तार योजना बहुत मायने रखती है, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर खिलौनों तक लोगों हजारों स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के उत्पाद क्विक कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से 10 मिनट के भीतर घर बैठे हासिल कर लेते हैं। ‘

उदाहरण के लिए मंगलूरु में इंस्टामार्ट के एक स्टोर ने एक दिन में 1,000 ऑर्डर पहुंचाए। कंपनी के अनुसार यह कई बड़े शहरों से तेज डिलीवरी रिकॉर्ड है। शीघ्र डिलिवरी के मामले में त्रिशूर सबसे तेज शहरों में शुमार हो गया है, जहां 1000 ऑर्डर मात्र 4 मिनट में पूरे किए गए।

काम का तरीका

विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे शहरों में क्विक कॉमर्स कंपनियों के समक्ष मांग कोई बड़ी चुनौती नहीं है, बल्कि यहां इनकी कामयाबी इस बात पर निर्भर करेगी कि ये अपने काम का तरीका क्या अपनाती हैं। कंपनियां अपने स्टोर घनी आबादी वाले इलाकों में खोलने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, ताकि उनके लिए संचालन प्रक्रिया आसान हो जाए।

First Published - September 11, 2024 | 11:06 PM IST

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