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बैंकों के खुदरा लोन पर रिजर्व बैंक की नजर

RBI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 21 अप्रैल, 2023 तक खुदरा कर्ज में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है

Last Updated- July 13, 2023 | 10:59 PM IST
RBI told, I-CRR rule will end by October 7
Business Standard

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2022-23 की सालाना वित्तीय जांच में बैंकों के खुदरा ऋण बही पर ज्यादा बारीकी से नजर रखना शुरू किया है। तीन वरिष्ठ बैंकरों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। कुछ साल की सुस्ती के बाद इसके पहले के वित्त वर्ष में बैंकों द्वारा दिया जा रहा ऋण तेजी से बढ़ा है और इसमें 15.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि खुदरा ऋण, खासकर असुरक्षित ऋण बहुत तेजी से बढ़ा है।

रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 21 अप्रैल, 2023 तक खुदरा कर्ज में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। खुदरा कर्ज में क्रेडिट कार्ड का बकाया 29.7 प्रतिशत बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पहली बार पार कर गया है। अन्य व्यक्तिगत ऋण में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 11 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है।

बैंक के 3 अधिकारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 23 के आंकड़ों की ऑडिट शुरू की थी, जो जोखिम पर आधारित निगरानी का हिस्सा है। कुल मिलाकर जहां बैंकों के बही ने बेहतर आकार लिया है, रिजर्व बैंक के अधिकारी खुदरा बही को बारीकी से देख रहे हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले कुछ महीनों से कई बार बैंकों को चेतावनी दी है। जून के अंतिम सप्ताह में जारी वित्तीय स्तिरता रिपोर्ट के अग्रलेख में उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि अक्सर अच्छे दिनों में जोखिम की उपेक्षा होती है, जिससे अस्थिरता के बीज पड़ते हैं।’

बैंकरों ने कहा कि केंद्री बैंक ने कर्जदाताओं को संकेत दिया है कि असुरक्षित ऋण और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए गए ऋण पर नजर रखने की जरूरत है। एनबीएफसी को बैंकों का ऋण 21 अप्रैल तक पिछले साल की समान अवधि में 29.2 प्रतिशत बढ़कर 13.45 लाख करोड़ रुपये होगया है।

क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अजित वेलोनी ने कहा कि सुरक्षित के साथ असुरक्षित ऋण के लिए उधारी लेने वालों के चयन में क्रेडिट स्कोर अहम भूमिका निभा रहा है।

First Published - July 13, 2023 | 10:59 PM IST

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