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एसबीआई अगले चार महीने में करेगा 1.5 अरब डॉलर का निवेश

फंड का इंतजाम करने के लिए बैंक ने 50 करोड़ डॉलर के बॉन्ड जारी किए हैं और विभिन्न ऋणदाताओं से एक अरब डॉलर का ऋण लिया है।

Last Updated- November 26, 2024 | 8:03 AM IST
SBI

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को उम्मीद है कि वह मौजूदा वित्त वर्ष के चार महीने के दौरान अपने विदेशी कारोबार में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इस मकसद से फंड का इंतजाम करने के लिए बैंक ने 50 करोड़ डॉलर के बॉन्ड जारी किए हैं और विभिन्न ऋणदाताओं से एक अरब डॉलर का ऋण लिया है।

एसबीआई की उप प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग समूह) जयंति बंसल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बैंक का विदेशी कारोबार अच्छी रफ्तार के साथ बढ़ रहा है। जून 2024 में ग्राहकों का ऋण 66 अरब डॉलर था जो सितंबर में बढ़कर 70 अरब डॉलर हो गया। एक तिमाही में हमने 4 अरब डॉलर का इजाफा देखा है। हमें उम्मीद है कि वर्ष के बाकी महीने में भी विदेशी कारोबार बढ़ेगा।’

रुपये के संदर्भ में एसबीआई का विदेशी कर्ज सालाना आधार पर 11.56 फीसदी बढ़कर 5.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। ऋण में बढ़ोतरी का प्रमुख कारक बाह्य वाणिज्यिक उधारियां, स्थानीय कर्ज और व्यापारिक वित्त कारोबार प्रमुख हैं।

न्यूयॉर्क, गिफ्ट सिटी, हॉन्ग कॉन्ग, डीआईएफसी दुबई और लंदन की शाखाओं ने ग्राहक ऋण बढ़ोतरी में प्रमुखता से योगदान दिया। बैंक के पास विदेशी कारोबार में अभी 3-4 अरब डॉलर के नए कर्ज देने का प्रस्ताव है।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित भारतीय कंपनियों ने सितंबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सामने विदेश से बाह्य वाणिज्यिक उधारियों (ईसीबी) के माध्यम से 4.84 अरब डॉलर कर्ज जुटाने का प्रस्ताव रखा है। आरबीआई के डेटा के मुताबिक इसमें 3.77 अरब डॉलर का कर्ज सीधे लिया जा सकता है जबकि 1.06 अरब डॉलर के लिए मंजूरी लेनी होगी।

बंसल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बैंक को बड़े आर्थिक कारकों का ध्यान रखना होगा। बैंक भी जोखिम लेने और नए ग्राहकों को कर्ज देने के मामले में सावधानी बरतेगा।

सस्ती दरों से फंड की लागत कम

पिछले हफ्ते एसबीआई ने मीडियम टर्म नोट्स (एमटीएन) के जरिये 50 करोड़ डॉलर जुटाए। बंसल ने कहा, ‘यह एक भारतीय बैंक द्वारा तुलनात्मक अवधि (पांच साल) में हासिल किए गए, सबसे कम दरों में से एक है।’जनवरी 2024 से लेकर अब तक बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। दरें कम होने की शुरुआत हो गई है और अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दरों में दो बार कटौती की है। बैंक ने पांच वर्ष की अवधि के लिए एक अरब डॉलर का फंड जुटाने का इंतजाम किया है जिसमें एचएसबीसी मददगार साबित हो रहा है।

First Published - November 26, 2024 | 7:56 AM IST

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