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बीमा सुगम की पूंजी आवश्यकता 500 करोड़ रुपये तक बढ़ीं

बीमा सुगम बीमा क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाने वाला है। इससे देश में अधिक उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जाएगी। इससे देश में बीमा की पहुंच बढ़ेगी।

Last Updated- November 24, 2024 | 10:14 PM IST
Insurance policy

बीमा नियामक की महत्त्वपूर्ण परियोजना बीमा सुगम की पूंजीगत जरूरतें बढ़कर 500 करोड़ रुपये हो गई हैं जबकि पहले इसका अनुमान 100-200 करोड़ रुपये का था। बीमा सुगम बीमा उत्पादों को खरीदने, सेवाएं और बेचने का ऑनलाइन मार्केटप्लेस है। यह जानकारी इस मामले के कई जानकारों ने दी।

हैदराबाद में आयोजित दो दिवसीय बीमा मंथन में बीमा कंपनियों को बीमा सुगम के लिए पूंजीगत जरूरतें 4-5 वर्ष में बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये होने जानकारी दी गई। इसमें से कंपनियों को 330 करोड़ रुपये तत्काल मुहैया करवाना है जबकि बाकी राशि दो वर्ष के बाद उपलब्ध करानी है।

बीमा सुगम इंडिया फेडरशन (बीमा सुगम) को प्लेटफॉर्म संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। बीमा सुगम गैर लाभकारी इकाई है और इसे भारत के बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) का समर्थन प्राप्त है। बीमा सुगम का ध्येय भारत में बीमा उत्पादों को जनजन तक पहुंचाना है और यह विश्व में अपनी तरह की प्रथम पहल है।

यह सिंगल विंडो डिजिटल प्लेटफॉर्म समग्र मार्केट प्लेस के रूप में काम करेगा। इस पर ग्राहक जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा क्षेत्रों की पॉलिसियों की तुलना, खरीद और प्रबंधन कर सकेंगे। यह बीमा ट्रिनिटा का हिस्सा है। इसमें बीमा विस्तार, बीमा वाहक और बीमा सुगम हैं। बीमा वाहक पर बीमा उत्पाद बेचे जाएंगे और बीमा सुगम में महिला केंद्रित एजेंटों का श्रम बल भी अपनी सेवाएं मुहैया कराएगा। इस कंपनी में सभी बीमा कंपनियों की समान हिस्सेदारी होगी। बीमा सुगम पहल को लागू करने के लिए परामर्शक की जिम्मेदारी ई ऐंड वाई को दी गई है।

इस मामले के जानकार अधिकारी ने बताया, ‘अर्नेस्ट और यंग (ईवाई) ने कारोबार की योजना को तैयार किया है और इसे बीमा सुगम के निदेशकों की मंजूरी मिल चुकी है। कारोबारी योजना के अंतर्गत कंपनी को 3 से 4 साल की अवधि में 500 करोड़ रुपये की जरूरत है। बीमा सुगम में से 330 करोड़ रुपये तत्काल यानि दो साल में उपलब्ध कराने हैं और शेष 170 करोड़ रुपये दो साल में मुहैया कराने हैं।’

अन्य अधिकारी ने बताया, ‘बीमा सुगम में हिस्सेदार कंपनियों को जीवन बीमा के लिए 330 करोड़ रुपये और सामान्य जीवन बीमा के लिए 165 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने हैं। यह राशि बीमा सुगम को तकनीकी रूप से समक्ष बनाने के साथ-साथ मुंबई में कार्यालय की जगह के लिए उपलब्ध कराने के लिए है।’

जीवन बीमा कंपनी के कार्याधिकारी ने बताया, ‘नियामक की परिकल्पना के अनुसार प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के लिए बोर्ड से 6.5 करोड़ रुपये की अनुमति ले ली गई है।’

उन्होंने यह भी बताया कि इस महीने की शुरुआत में हैदराबाद में हुई बीमा मंथन में प्लेटफॉर्म की पूंजीगत जरूरतों के लिए विचार-विमर्श हुआ था। बीमा सुगम के पहले प्रबंध निदेशक और सीईओ का पदभार 1 नवंबर को प्रसून सिकदर ने ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल तीन वर्ष है। दो अतिरिक्त अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है। इसके अलावा इन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए एचआर परामर्श की सेवाएं भी ली गई हैं।

बीमा सुगम बीमा क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाने वाला है। इससे देश में अधिक उत्पादों की बिक्री की अनुमति दी जाएगी। इससे देश में बीमा की पहुंच बढ़ेगी। इन उत्पादों के लिए भुगतान एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) के जरिये

First Published - November 24, 2024 | 10:14 PM IST

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