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LIC बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने पर समग्र लाइसेंस पर कर सकती है विचार

Last Updated- December 25, 2022 | 3:44 PM IST
LIC
Shutter Stock

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है।

सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि कोई भी आवेदक किसी भी प्रकार या श्रेणी के बीमा व्यवसाय के एक या अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।

हालांकि पुनर्बीमा कंपनियों के बीमा व्यवयाय की किसी अन्य श्रेणी के लिए पंजीयन करवाने पर रोक है। वहीं, समग्र लाइसेंस होने से बीमा कंपनियां एक ही कंपनी के जरिए सामान्य और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं की पेशकश कर सकेंगी। सूत्रों ने बताया कि एलआईसी बीमा संशोधन विधेयक के पारित होने की स्थिति में समग्र लाइसेंस तथा अन्य मुद्दों पर जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 को ध्यान रखते हुए विचार करेगी।

बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करने के प्रस्ताव वाले इस विधेयक को बजट सत्र में संसद के पटल पर रखा जा सकता है। वित्त मंत्रालय बीमा कानून में संशोधन पर अभी व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श कर रहा है।

प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसी धारकों के हितों को बढ़ावा देने, पॉलिसी धारकों के रिटर्न को बेहतर बनाने और बीमा बाजार में अन्य कंपनियों के प्रवेश को सुगम बनाने से संबंधित हैं ताकि नए रोजगार का सृजन हो और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिले। मौजूदा समय में देश में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां काम कर रही हैं।

First Published - December 25, 2022 | 3:32 PM IST

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