facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Medical inflation in India: महंगाई की मार! भारत में 14 फीसदी तक पहुंचा मेडिकल इन्फ्लेशन रेट

इंश्योरटेक कंपनी प्लम की 'कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023' के अनुसार, मेडिकल महंगाई दर (Medical Inflation) 14 फीसदी तक पहुंच गई है।

Last Updated- November 24, 2023 | 10:26 AM IST
medical treatment
Representative Image

Medical inflation: देश में दवाइयां और चेकअप कराने की महंगाई दर पूरे एशिया में सबसे ज्यादा है। इसका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ता दिख रहा है। इसका खुलासा हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में हुआ है। आइए, बताते हैं आपको पूरी डिटेल्स…

जानें क्या कहा गया है रिपोर्ट में-

इंश्योरटेक कंपनी प्लम की ‘कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, मेडिकल महंगाई दर (Medical Inflation) 14 फीसदी तक पहुंच गई है।

बढ़ते मेडिकल खर्चों के कारण कर्मचारियों पर एडिशनल फाइनेंशियल बर्डन बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 फीसदी कर्मचारी अपने मेडिकल बिल का भुगतान खुद करते हैं, जबकि 15 फीसदी ही ऐसी कंपनियां है जो अपने एम्प्लॉई को मेडिकल कवर प्रदान करती हैं।

यह भी पढ़ें : महंगे बीमा की मांग घटी

बीमारियों के इलाज पर ज्यादा होता है खर्चा

‘कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023’ के मुताबिक, बढ़ते मेडिकल खर्च के कारण लगभग 9 करोड़ से अधिक देश के कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ा है। साथ ही उनकी कमाई का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सी इलाज में चला जाता है। कंपनी की ओर से दी जाने वाली मेडिकल हेल्थ इंशोयरेंस सर्विस के बारे में 20 से 30 साल के कर्मचारियों के बीच में जानकारी कम है।

नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नौकरीपेशा लोगों की संख्या की बढ़ने की उम्मीद है, जो 2022 में 52.2 करोड़ व्यक्तियों से बढ़कर 2030 तक अनुमानित 56.9 करोड़ हो जाएगा। इस बढ़ोतरी के बावजूद, केवल 15 प्रतिशत ही कर्मचारियों को अपने नियोक्ताओं से कोई स्वास्थ्य बीमा सहायता प्राप्त होती है।

यह भी पढ़ें : नौकरी गई या बदलनी पड़ी तो… कंपनी स्वास्थ्य बीमा सही मगर लीजिए निजी हेल्थ पॉलिसी भी

नहीं कराते हेल्थ चेकअप

इंश्योरटेक कंपनी Plum की रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि देश में केवल हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं बल्कि लोग हेल्थ चेक अप कराने के मामले में भी पीछे रहते हैं। इसके अलावा, देश के 59 फीसदी ऐसे लोग हैं जो अपना सालाना हेल्थ चेकअप नहीं कराते और 90 फीसदी लोग अपनी हेल्थ पर ध्यान ही नहीं देते।

First Published - November 24, 2023 | 10:26 AM IST

संबंधित पोस्ट