facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

PAN Allocation: महामारी के बाद 5 लाख ट्रस्टों ने लिए पैन कार्ड

पिछले छह वर्षों में ट्रस्टों की संख्या में 56% का इजाफा, निजी और धर्मादा ट्रस्टों में वृद्धि

Last Updated- May 07, 2025 | 10:54 PM IST
PAN 2.0

कोविड वैश्विक महामारी से अब तक यानी मार्च 2019 से मार्च 2025 के बीच करीब 5 लाख ट्रस्टों को स्थायी खाता संख्या (पैन) आवंटित की गई है। आयकर विभाग द्वारा अप्रैल की शुरुआत में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पैन आवंटन वाले ट्रस्टों की संख्या 2019 में 8,47,834 थी जो 56 फीसदी बढ़कर मार्च 2025 तक 13 लाख हो गई है।

पैन के लिए ट्रस्टों का पंजीकरण राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर होता है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियों के विपरीत ट्रस्टों की स्थापना के बारे में केंद्रीकृत आंकड़े सीमित होते हैं। पैन आवंटित होने से इस क्षेत्र में गतिविधियों का संकेत मिलता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कर अनुपालन संबंधी आवश्यकताएं, कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) मद में खर्च और धनाढ्य व्यक्तियों एवं परिवारों द्वारा उत्तराधिकार एवं कर नियोजन के लिए ट्रस्ट स्थापित किए जाने के कारण पैन कार्ड आंकड़ों में ट्रस्ट की मौजूदगी बढ़ रही है।

डेलॉयट इंडिया के पार्टनर पंकज बागरी ने कहा, ‘ट्रस्टों में सार्वजनिक धर्मादा ट्रस्टों के अलावा निजी ट्रस्ट भी शामिल होते हैं। जहां तक धर्मादा ट्रस्टों का सवाल है तो पिछले एक दशक के दौरान पैन कार्ड हासिल करने वालों की तादाद बढ़ी है। भारत में सामाजिक मद के खर्च बढ़ने के कारण नए ट्रस्ट पंजीकृत हो रहे हैं। इसे मुख्य तौर पर अनिवार्य सीएसआर कानून और सीएसआर परियोजना के लिए पात्र ट्रस्टों के पंजीकरण से रफ्तार मिल रही है। जहां तक निजी ट्रस्टों की बात है तो भारत में कारोबारी घरानों द्वारा उत्तराधिकार योजना बनाए जाने और संपत्ति प्रबंधन में तेजी के कारण इसमें वृद्धि दिख रही है।’

मोतीलाल ओसवाल वेल्थ की मैनेजिंग पार्टनर एवं प्रमुख (ट्रस्ट एवं एस्टेट नियोजन) नेहा पाठक ने कहा, ‘हम रोजाना इस संबंध में पूछताछ देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ट्रस्ट स्थापित करने के आवेदन में महामारी पूर्व अवधि के मुकाबले 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। परिसंपत्तियों और उत्तराधिकार के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट स्थापित करने का चलन बढ़ गया है। पुराने कारोबारी घरानों के अलावा अब यह स्टार्टअप के संस्थापकों और मझोले आकार वाली कंपनियों के बीच भी लोकप्रिय हो रहा है।

पाठक ने कहा, ‘लोग अब वैवाहिक विवादों के अलावा परिवार के सदस्यों के बीच विवादों के बारे में भी काफी चिंतित रहने लगे हैं।’ ट्रस्ट के कारण संपत्तियों का हस्तांतरण भी आसान हो जाता है क्योंकि यह वसीयत को प्रभावी बनाने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच के लिए प्रोबेट याचिका की आवश्यकता जैसी जरूरतों को खत्म कर देता है।

विदेशी फंडिंग के सख्त नियमों के कारण पुरानी धर्मादा संस्थाएं अब ट्रस्टों का संभवत: कम उपयेग करती हैं, लेकिन धनाढ्य व्यक्तियों ने नए ट्रस्टों को रफ्तार दी है। कर आंकड़ों में दिखने वाली संस्थाओं की तादाद आगे और बढ़ सकती हैं।

First Published - May 7, 2025 | 10:54 PM IST

संबंधित पोस्ट