facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पर दबाव: ऋण पोर्टफोलियो में गिरावट, डिफॉल्ट बढ़ा

फंडिंग में कटौती और सख्त नियमों के चलते माइक्रोफाइनैंस सेक्टर का कुल ऋण पोर्टफोलियो 3.5% घटा, जोखिम वाले कर्ज में इजाफा

Last Updated- February 25, 2025 | 10:38 PM IST
microfinance

माइक्रोफाइनैंस सेग्मेंट का सकल ऋण पोर्टफोलियो दिसंबर के अंत में सालाना आधार पर 3.5 फीसदी कम होकर 3.85 लाख करोड़ रुपये रह गया है। ऋण देने के मानदंड कड़े किए जाने और फंडिंग में कटौती के कारण ऐसा हुआ है। माइक्रोफाइनैंस इंस्टीट्यूशन नेटवर्क (एमएफआईएन) के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2024 में जोखिम वाले पोर्टफोलियो का हिस्सा बढ़कर 6.4 फीसदी हो गया है, जो दिसंबर 2023 में 2.0 फीसदी था। इसमें ऐसे ऋण शामिल होते हैं, जिनके भुगतान में 30 से 180 दिन की देरी हो चुकी होती है।

एमएफआईएन के मुख्य कार्याधिकारी और निदेशक आलोक मिश्र ने कहा ‘उद्योग इस समय एमएफआईएन सुरक्षा नियमों के आधार पर फंड की कटौती और कर्ज के सख्त मानदंडों के दौर से गुजर रहा है। ऋण की गुणवत्ता लगातार निगरानी की स्थिति में बनी हुई है, क्योंकि 31 दिसंबर तक चूक शीर्ष स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। एमएफआईएन को उम्मीद है कि नकदी और ऋण की गुणवत्ता दोनों ही स्थितियों में चौथी तिमाही में सुधार होगा।’

एमएफआईएन ऐसे बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों का एक उद्योग संगठन है जो लघु वित्त संस्थान (एनबीएफसीसी-एमएफआई), लघु वित्त बैंकों और एनबीएफसी के रूप में काम करते हैं और यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्व-नियामक संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त है। तिमाही आधार पर इस सेक्टर का ऋण पोर्टफोलियो सितंबर 2024 में 4.08 लाख करोड़ रुपये से घट गया।

माइक्रोफाइनैंस इंस्टैंड (एनबीएफसी-एमएफआई) के रूप में काम कर रहीं नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों का ऋण पोर्टफोलियो सालाना आधार पर 3.8 फीसदी, बैंकों का 5.5 फीसदी और लघु वित्त बैंकों का 11 फीसदी घटा है। एनबीएफसी अपवाद रही हैं, जिनके ऋण में सालाना आधार पर 22.2 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में वितरित ऋण की राशि 78,584 करोड़ रुपये से 20 फीसदी घटकर 62,817 करोड़ रुपये रह गई। वितरित किए गए नए ऋण की संख्या में 29.02 फीसदी की कमी आई है। एमएफआईएन ने कहा कि भौगोलिक कवरेज के हिसाब से पूर्व, उत्तर-पूर्व और दक्षिण में कुल माइक्रोफाइनैंस पोर्टफोलियो का 63 फीसदी हिस्सा है।

ऋण का औसत आकार दिसंबर 2024 में बढ़कर 53,350 रुपये हो गया, जो एक साल पहले 47,374 रुपये था और सितंबर 2024 में 50,487 रुपये था। इस सेक्टर के ऋण खातों की संख्या दिसंबर 2024 में घटकर 13.9 करोड़ रह गई, जो दिसंबर 2023 में 14.6 करोड़ थी।

First Published - February 25, 2025 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट