facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

RBI को मिला नया गवर्नर! संजय मल्होत्रा लेंगे शक्तिकांत दास की जगह

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है।

Last Updated- December 09, 2024 | 7:14 PM IST
RBI Governor Sanjay Malhotra

केंद्र सरकार ने सोमवार को संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया। मल्होत्रा वर्तमान में राजस्व विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वह 11 दिसंबर 2024 से शक्तिकांत दास की जगह यह पद संभालेंगे। RBI के गवर्नर के रूप में उनका कार्यकाल तीन साल का होगा।

संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स किया है। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें REC लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर और वित्तीय सेवाओं के सचिव शामिल हैं।

दिसंबर 2022 में मल्होत्रा ने राजस्व सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके अलावा, अप्रैल 2023 में उन्हें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया।

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को हो रहा समाप्त

शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। उनकी छह साल की अवधि में आरबीआई ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशियाई संकट जैसी कई चुनौतियों का सामना किया। हालांकि, हाल ही में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती न करने के फैसले पर सरकार और उद्योग से आलोचना हुई थी क्योंकि GDP ग्रोथ सितंबर तिमाही में 5.4% तक धीमी हो गई थी।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आखिरी बैठक में रेपो रेट लगातार 11वीं बार 6.5% पर स्थिर रखा गया। शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया था कि आरबीआई का पहला लक्ष्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना है। संजय मल्होत्रा के कार्यभार संभालने के बाद यह देखना होगा कि वे मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

First Published - December 9, 2024 | 6:19 PM IST

संबंधित पोस्ट