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पहले चरण में खूब पड़ेंगे डाक मतपत्र, 2019 में लगभग 30 लाख लोगों ने डाक से अपना वोट डाला

Postal ballot voting: वर्ष 2009 के लोक सभा चुनाव से पोस्टल बैलट यानी डाक मतों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। उस चुनाव में लगभग दस लाख मत डाक से डाले गए थे।

Last Updated- April 17, 2024 | 10:58 PM IST
पहले चरण में खूब पड़ेंगे डाक मतपत्र, 2019 में लगभग 30 लाख लोगों ने डाक से अपना वोट डाला,Postal ballots stamp their voice: Lok Sabha election's phase 1 voting on

पिछले कुछ लोक सभा चुनावों से डाक मतपत्रों से पड़ने वाले वोटों की संख्या बढ़ती जा रही है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक हालिया विधान सभा चुनावों में डाक मत पत्रों से डाले जाने वाले वोटों की संख्या बहुत अधिक रही। पिछले लोक सभा चुनावों में लगभग 30 लाख लोगों ने डाक से अपना वोट डाला था। यह कुल पड़े मतों का लगभग 0.5 प्रतिशत है।

वर्ष 2009 के लोक सभा चुनाव से पोस्टल बैलट यानी डाक मतों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। उस चुनाव में लगभग दस लाख मत डाक से डाले गए थे। यह कुल पड़े मतों का लगभग 0.2 प्रतिशत था। इस बार डाक मतपत्रों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। डाक मतों की संख्या बढ़ने का श्रेय इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल वोटिंग को दिया जा रहा है।

सरकारी बयान के अनुसार 2019 के चुनाव में कुल डाक मतों में लगभग 60.14 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल वोटिंग सिस्टम से डाले गए थे, जबकि 2014 के चुनाव में कुल 4 प्रतिशत वोट ही इस सिस्टम से आए थे।

डाक वाले वोटों में इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल वोटिंग सिस्टम से तीन चौथाई वोट 11 राज्यों से डाले गए थे। यही नहीं, इस सिस्टम से 11 प्रतिशत वोट देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश से मिले थे। इसके बाद आंध्र प्रदेश से 10.3 प्रतिशत, महाराष्ट्र से 9.7 प्रतिशत, तमिलनाडु से 8.3 प्रतिशत, राजस्थान से 7.9 प्रतिशत और गुजरात से 7 प्रतिशत वोट आए। इस बीच, 3 से 6 प्रतिशत के बीच पोस्टल बैलट बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और केरल से मिले।

जिन नौ राज्यों में 2023 में विधान सभा चुनाव हुए, उनमें 17 लाख वोट डाक पत्रों से मिले। यह कुल पड़े वोटों का लगभग 1 प्रतिशत होता है। लेकिन त्रिपुरा जैसे राज्यों में पोस्टल बैलट की संख्या 3 प्रतिशत रही।

First Published - April 17, 2024 | 10:58 PM IST

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